भारत की सनातन संस्कृति में सत्यनारायण, भगवान श्री हरि विष्णु के उसे स्वरूप का नाम है जो पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणियों को आश्वस्त करता है कि, आप किसी भी प्रकार के झूठ का सहारा ना लें। यदि आप सच बोलने के व्रत का पालन करेंगे तो भगवान विष्णु आपको सभी सुख और धन-धान्य प्रदान करेंगे। मध्य प्रदेश में सत्यनारायण नाम के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी के लिए झूठ बोलने का दोषी पाया गया है। उसे 10 साल जेल की सजा सुनाई गई है।
मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरी के लिए सत्यनारायण ब्राह्मण ने स्वयं को कोरी बताया
न्यायालय द्वारा घोषित अपराधी का नाम सत्यनारायण वैष्णव निवासी लक्ष्मीपुरा कालोनी, इंदौर है। छह मई 2006 को छोटी ग्वालटोली पुलिस थाना प्रभारी को पुलिस अधीक्षक इंदौर कार्यालय से आरक्षक सत्यनारायण द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर पुलिस सेवा में नौकरी प्राप्त करने के संबंध में जांच के लिए प्रतिवेदन प्राप्त हुआ था। जांच में यह बात सामने आई कि आरोपित वैष्णव ब्राह्मण है, लेकिन उसने कोरी जाति का प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी प्राप्त की है। यह प्रमाण पत्र सत्यनारायण के शपथ पत्र के आधार पर तहसील कार्यालय इंदौर से जारी हुआ था।
जांच रिपोर्ट के आधार पर सत्यनारायण के खिलाफ छोटी ग्वालटोली पुलिस थाने में धारा 420, 467, 468, 471 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। न्यायालय में दोनों पक्षों को समान अवसर दिए गए। सत्यनारायण ने स्वयं को निर्दोष बताया परंतु उसके समर्थन में किसी भी प्रकार का प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर पाए। सत्र न्यायाधीश जयदीप सिंह ने सत्यनारायण को आईपीसी की धारा 420, 467, 468 एवं 471 के तहत अपराधी घोषित करते हुए 10 साल जेल की सजा सुनाई है।
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