GOOD NEWS - मध्य प्रदेश महामारी से सुरक्षित, गिद्धों की संख्या 10000 के पार, पूरी जानकारी पढ़िए

मध्य प्रदेश के 8 करोड लोगों के लिए गुड न्यूज़ है। ऐसे परिवेश में जबकि संक्रमण बेहद आसान है, अपना मध्य प्रदेश दूसरे राज्यों की तुलना में महामारी के खतरे से ज्यादा सुरक्षित है। क्योंकि मध्य प्रदेश में गिद्धों की संख्या भारत के किसी भी दूसरे राज्य की तुलना में सबसे ज्यादा है। यह जानकारी आपको केवल भोपाल समाचार डॉट कॉम पर मिल रही है क्योंकि बहुत कम लोग जानते हैं कि, जिन इलाकों में गिद्ध होते हैं वहां महामारी नहीं फैलती। 

गिद्ध, डॉक्टर से ज्यादा जरूरी है, महामारी से बचाते हैं

प्राणी विज्ञान के विशेषज्ञ बताते हैं कि पृथ्वी पर पारिस्थितिकीय संतुलन में गिद्ध की महत्वपूर्ण भूमिका है। पूरी पृथ्वी पर केवल गिद्ध ही हैं जो बदबूदार मांस और गंदगी को फटाफट चट कर जाते हैं। यदि बदबूदार माँस को तत्काल नष्ट नहीं किया गया तो उसमें कई तरह के खतरनाक वायरस पनपने लगते हैं। इन वायरस के कारण दुनिया में महामारी फैलती है। सरल शब्दों में कहें तो गिद्ध वो जीव है जो डॉक्टरों से ज्यादा अच्छा काम करता है। डॉक्टर तो महामारी से पीड़ित लोगों का इलाज मात्र करते हैं परंतु गिद्ध महामारी को पनपने से पहले ही रोक देता है। सारी दुनिया के इतने विकसित हो जाने के बाद भी, आज तक किसी सरकार ने ऐसा कोई अभियान नहीं चलाया, ऐसा कोई डिपार्टमेंट नहीं बनाया जो रेजिडेंशियल इलाकों के बाहर जनरल अथवा वीरान पड़े मैदाने में जानवरों की डेड बॉडी का निपटारा करें। यदि गिद्ध नहीं होते तो हर डेड बॉडी से महामारी के वायरस पैदा हो रहे होते। 

मध्य प्रदेश में गिद्धों की कुल कितनी प्रजातियां पाई जाती हैं 

मध्य प्रदेश के जंगलों में, सफेद गिद्ध (Egyptian Vulture), चमर गिद्ध (White-rumped Vulture),  देसी गिद्ध (Indian Vulture),  राज गिद्ध (Red-headed Vulture),  हिमालयी गिद्ध (Himalayan Griffon), यूरेशियाई गिद्ध (Eurasian Griffion), काला गिद्ध (Cinereous Vulture) एवं पतल चोंच गिद्ध (Slender-billed Vulture)। यहां क्लिक करके इन प्रजातियों के बारे में, प्रजाति का विवरण, गिद्धों की आदत और गिद्धों की विशेषता के बारे में पढ़ सकते हैं। आपने प्रकृति के लिए महत्वपूर्ण और ज्ञानवर्धक समाचार के लिए समय दिया, आपका धन्यवाद।

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