मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के बीच तनावपूर्ण स्थिति सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित होने लगी है। कुछ दिनों पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि, आप बैंड बजाएं, ढोल बजाएं, ताशे बजाएं, कोई रोकेगा तो मैं देख लूंगा। आज मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मध्य प्रदेश गान के समय अधिकारियों को बैठ जाने के निर्देश दिए। दोनों अवसर पर दोनों नेताओं के चेहरे के भाव बिल्कुल समान थे। यह स्थिति स्पष्ट करती है कि दोनों के बीच तनाव बढ़ने लगा है।
दोनों के बयान से तनाव के स्तर का पता कैसे चलता है
डॉ मोहन यादव ने मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करते ही जो सबसे पहले आदेश जारी किया था उसमें ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर नियंत्रण और खुले में नॉनवेज की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया था। ऐसी स्थिति में जब पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कैमरे के सामने सार्वजनिक रूप से कहा कि, आप बैंड बजाएं, ढोल बजाएं, ताशे बजाएं, कोई रोकेगा तो मैं देख लूंगा"। तो इस बयान का तात्पर्य था कि, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के इस डिसीजन के खिलाफ खड़े हो गए हैं।
दिनांक 1 नवंबर 2022 को मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस के मौके पर तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह ने ऐलान किया था कि मध्यप्रदेश गान को राष्ट्रगान की तरह सम्मान दिया जाएगा। संकल्प दिलाया था कि हम सभी खड़े होकर मध्यप्रदेश गान करेंगे। आज रविंद्र भवन में मध्य प्रदेश सिविल सेवा परीक्षा के चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र दिए जाने के कार्यक्रम में "मध्यप्रदेश गान" के दौरान अधिकारी खड़े हुए, लेकिन सीएम ने उन्हें बैठने का इशारा किया। सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा, 'राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत की बराबरी पर मध्यप्रदेश गान या दूसरे गीत नहीं हो सकते, खड़े होना जरूरी नहीं।'
मुख्यमंत्री के एक्शन का निष्कर्ष
इस बयान का सीधा तात्पर्य है कि, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिए गए निर्देश और संकल्प अब निष्प्रभावी हो गए हैं। आज के बाद उनके बारे में बात नहीं की जाएगी। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री बदल गया है और यह सब कुछ ठीक प्रकार से समझ में आ जाना चाहिए।
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