BNS 33, IPC 95 - छुट-पुट विवाद या छोटी-मोटी अपहानि करना अपराध है या नहीं जानिए

Legal general knowledge and law study notes 

भाषा की अपूर्णता के कारण ऐसे अनेक कार्य है जो शाब्दिक दृष्टि से किसी अपराध के अंतर्गत आते हैं लेकिन उनके पीछे कोई आपराधिक भावना नहीं रहती हैं, अतः उन्हें अपराध मानना जनहित में नहीं होगा। अर्थात किसी दूसरे व्यक्ति का पेन उसकी मर्जी के बिना उठाना चोरी का अपराध हैं, किसी व्यक्ति के पास से तेज रफ्तार में कार से धूल उड़ाते हुए जाना रिष्टि का अपराध है, बस में या भीड़ वाले स्थान में पैर रखना या धक्का मुक्की होना चोट या छेड़छाड़ का अपराध हो सकता है लेकिन क्या इनके लिए आपराधिक कार्यवाही चलाना न्यायोचित होगा? 

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 33, भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 95 की परिभाषा 

अगर कोई व्यक्ति छुट-पुट या छोटी-मोटी बातो को लेकर शिकायत करता है जो गंभीर (संज्ञेय) अपराध नहीं है तब ऐसा कृत्य धारा IPC की धारा 94 एवं BNS की धारा 33 के अंतर्गत अपराध नहीं होगा।

उधारानुसार वाद:- सदानंद बनाम शिवकली हजारा
उपर्युक्त मामले में शिकायतकर्ता ने आरोपी के विरुद्ध धारा 506 के अधीन झूठ बोलने का आरोप लगाया था। इस वाद मे न्यायालय ने विनिश्चित किया कि विधि का यह एक प्राथमिक सिद्धांत है कि वह तुच्छ बातो(छुट-मुट बातों) की और ध्यान नहीं देती है। यदि कुछ शब्दों के कहने पर कोई व्यक्ति आपराधिक कार्यवाही की परेशानियों में पड़ जाए तो वर्तमान सभ्य समाज में लोगों का एक-दूसरे से आपसी संपर्क तथा मेल-जोल रखना ही दूभर हो जाएगा।

The Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 section 33, Indian Penal Code, 1860 section 95 Punishment

नारायणन बनाम केरल राज्य :- मामले ने न्यायालय ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 341 सदोष अवरोध के अपराध को तुच्छ अपहानि का अपराध मानते हुए आरोपी को बरी कर दिया क्योंकि सभ्य समाज मे छोटी-मोटी बातों को अपराध नहीं माना जाता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

:- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665 , इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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