सन 2019 में सबसे पहली बार सुर्खियों में आया मध्य प्रदेश का सबसे हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप मामला 4 साल बाद फिर सुर्खियों में आ गया है। कहा जाता है कि, तत्कालीन मध्य प्रदेश सरकार के कई मंत्री, सरकार के संपर्क में रहने वाले बड़े कारोबारी और ठेकेदार, भारतीय प्रशासनिक सेवा के कई अधिकारी या तो हनी ट्रैप करने वाली लड़कियों का आनंद लेकर उन्हें संरक्षित करते थे अथवा खुद हनी ट्रैप का शिकार हुए थे।
भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी आदर्श कटियार की प्रतिष्ठा का प्रश्न
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी एवं एडीजी इंटेलिजेंस रहे श्री आदर्श कटियार को इस हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप मामले की जांच के लिए बनाई गई SIT का चीफ बना दिया है। श्री आदर्श कटियार के बारे में कहा जाता है कि वह कभी किसी भी प्रकार के प्रभाव और दबाव में नहीं आते। इस मामले में शुरुआत से ही प्रभाव और दबाव दोनों देखे जा रहे हैं, क्योंकि लड़कियों के पास से जो वीडियो मिले हैं उसमें कई मंत्री, कारोबारी और अधिकारियों के चेहरे दिखाई दे रहे हैं।
कमलनाथ के बयान का खुलासा होना बाकी
हनीट्रैप केस में 29 जनवरी को इंदौर कोर्ट में पेशी होने वाली है। इस पेशी में सरकार को जवाब देना है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को जो नोटिस भेजा था, उस पर क्या एक्शन हुआ ? दरअसल, कमलनाथ ने 21 मई 2021 को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से कहा था कि उनके पास हनी ट्रैप की पूरी सीडी और पेन ड्राइव है। इस पर आरोपियों के वकील यावर खान ने आपत्ति लगाकर पूछा था कि ये पेन ड्राइव कमलनाथ के पास कैसे पहुंची? इस पर एसआईटी के इंस्पेक्टर शशिकांत चौरसिया ने कोर्ट को दिए अपने बयान में कहा था कि वो पेन ड्राइव हासिल करने के लिए कमलनाथ को नोटिस दिया गया है।
नवंबर 2023 में एसआईटी ने अपने जवाब में कहा था कि एसआईटी चीफ विपिन माहेश्वरी रिटायर हो चुके हैं, नए चीफ बनने के बाद ही इस पर जवाब दाखिल किया जाएगा। अब 29 जनवरी को होने वाली सुनवाई में एसआईटी को जवाब देना है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास पेन ड्राइव कैसे पहुंची? क्या वो पेन ड्राइव उनसे ली गई? नोटिस मिलने के बाद कमलनाथ ने नया बयान दिया था उन्होंने सिर्फ 29 सेकेंड की क्लिप देखी है।