अक्टूबर 2023 में नवरात्रि सबसे अलग होगी। मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी। यह महालक्ष्मी का रूप है। सभी के लिए बेहद शुभ और कल्याणकारी माना जाता है। आचार्य गोविंद बल्लभ के अनुसार पूरे भारतवर्ष में धन-धान्य की वृद्धि होगी। अनाज के भंडार भरे रहेंगे। पूरे देश में सुख और समृद्धि आएगी। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति नवरात्रि के इन नौ दिनों में किसी भी प्रकार की विधि विधान से माता की पूजा करेगा। व्रत एवं संकल्प का पालन करेगा। उसकी मनोकामना पूर्ण होगी। कहा तो यह भी जाता है कि इन 9 दिनों में माता की आरती में शामिल होना अथवा माता का प्रसाद ग्रहण करना भी कल्याणकारी होता है।
NAVRATRI 2023 SHUBH MUHURAT TIME
शारदीय नवरात्रि के लिए प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर की रात्रि 11:24 बजे प्रारंभ होगी एवं 15-16 अक्टूबर की मध्य रात्रि 12:32 बजे समाप्त होगी। चौघड़िया के अनुसार दिवस में एक से अधिक मुहूर्त बताई जा सकते हैं परंतु शारदीय नवरात्रि में घट स्थापना निषिद्ध चित्रा नक्षत्र के दौरान ही की जानी चाहिए। अभिजित मुहूर्त ही एकमात्र एवं सर्वोत्तम है। इस प्रकार दिनांक 15 अक्टूबर 2023 को सुबह 11:44 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक घट स्थापना की जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त दिन भर में जितने भी मुहूर्त हैं वह अन्य कार्यों के लिए हैं। घट स्थापना के लिए नहीं।
NAVRATRI 2023 TITHI and DATES
- प्रतिपदा तिथि: 15 अक्टूबर, 2023
- द्वितीया तिथि: 16 अक्टूबर, 2023
- तृतीया तिथि: 17 अक्टूबर, 2023
- चतुर्थी तिथि: 18 अक्टूबर, 2023
- पंचमी तिथि: 19 अक्टूबर, 2023
- षष्ठी तिथि: 20 अक्टूबर, 2023
- सप्तमी तिथि: 21 अक्टूबर, 2023
- अष्टमी तिथि: 22 अक्टूबर, 2023
- नवमी तिथि: 23 अक्टूबर, 2023
- दशमी तिथि: 24 अक्टूबर, 2023
नवरात्रि नौ दिनों की पूजा विधि
प्रथम दिन
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल से पवित्र करें।
- कलश स्थापना करें।
- माता दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- माता दुर्गा को अक्षत, सिंदूर, फूल, प्रसाद आदि अर्पित करें।
- दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- माता दुर्गा की आरती करें।
- व्रत का संकल्प लें।
- ध्यान रखें की व्रत और उपवास, अलग-अलग होते हैं। उपवास में अन्न का त्याग किया जाता है। व्रत का तात्पर्य है संकल्प, एक अच्छी बात का संकल्प, एक बुरी बात को त्याग देने का संकल्प।
शेष 8 दिन
- सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा स्थल को साफ करें।
- माता दुर्गा को अक्षत, सिंदूर, फूल, प्रसाद आदि अर्पित करें।
- दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- माता दुर्गा की आरती करें।
- व्रत का पालन करें।
नवमी तिथि
- सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा स्थल को साफ करें।
- माता दुर्गा को अक्षत, सिंदूर, फूल, प्रसाद आदि अर्पित करें।
- दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- माता दुर्गा की आरती करें।
- कन्या पूजन करें।
- कन्याओं को भोजन कराएं और उपहार दें।
दशमी तिथि
- सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा स्थल को साफ करें।
- माता दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर को विसर्जित करें।
- व्रत का समापन करें।
नवरात्रि पूजा सामग्री
- कलश
- माता दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर
- अक्षत
- सिंदूर
- फूल
- प्रसाद
- दुर्गा चालीसा
- माता दुर्गा की आरती
- कन्या पूजन की सामग्री
नवरात्रि पूजा के नियम
- नवरात्रि के दौरान व्रत रखें।
- मांस, मदिरा, प्याज और लहसुन का सेवन न करें।
- सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
- पूजा स्थल को साफ रखें।
- माता दुर्गा को सच्चे मन से भक्ति भाव से अर्घ्य दें।
- कन्या पूजन करें।
नवरात्रि में श्रीमद्देवी भागवत का विशेष महत्व
ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार श्रीमद्देवी भागवत में नवरात्र के नौ दिनों में साधना व उपासना का विशेष महत्व बताया गया है। संकल्प सिद्धि व पारिवार में सुख समृद्धि के लिए भक्त को नियम, स्वाध्याय से देवी की आराधना करना चाहिए। इस बार नौ दिन दिव्य योगों की साक्षी महत्वपूर्ण है। इसमें देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए की गई साधना से कार्य सिद्धि तथा वंश वृद्धि करने वाली रहेगी।
✔ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। ✔ यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करें। ✔ यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।