Stock Market में रिस्क 0% हो जाएगा, EBITDA सीख लो, मुनाफा ही मुनाफा मिलेगा

भारत में अब करोड़ों लोग शेयर बाजार में पैसा लगा रहे हैं। कोई म्यूच्यूअल फंड, कोई इक्विटी, कोई आईपीओ और कोई nifty50 में पैसा लगाता है। कुछ लोग डे ट्रेडिंग करते हैं, ताकि शाम होने से पहले कम पूंजी में बड़ा मुनाफा बनाया जा सके। आज भी सबसे ज्यादा संख्या ऐसे लोगों की है जो सबसे कम रिस्क में, ज्यादा से ज्यादा रिटर्न की उम्मीद करते हैं। इनमें से जिन लोगों को कैलकुलेशन नहीं आता वह म्यूचुअल फंड में SIP कर देते हैं। जो थोड़े समझदार होते हैं, वह nifty50 में पैसा लगाते हैं परंतु यदि आप कारोबार की दुनिया का एक मंत्र सीख जाएं तो फिर आप बड़ी आसानी से समझ पाएंगे कि कौन सी कंपनी का भविष्य क्या है और इसमें पैसा लगाना चाहिए या नहीं। 

EBITDA क्या होता है, इन्वेस्टर्स को इससे क्या संकेत मिलते हैं

एबिटडा जिसे एबिटा भी कहते हैं, स्कूल कॉलेज में नहीं पढ़ाया जाता इसलिए थोड़ा अजीब सा शब्द लगता है परंतु यह आपके द्वारा सीखे गए किसी भी पाठ से बहुत सरल है। EBITDA का फुल फॉर्म होता है, Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation, and Amortization, अर्निंग बिफोर इंटरेस्ट, टैक्सेज़, डेप्रिसिएशन, एंड अमॉर्टाइजेशन। अब आपको काफी कुछ समझ में आ गया होगा। जैसे किसी व्यक्ति की कुंडली देखते समय सबसे पहले उसकी लग्न देखी जाती है। ज्योतिषी सबसे पहले देखता है कि, सामने वाले व्यक्ति की कुल आयु कितनी है और उसका हेल्थ रेश्यो कितना रहेगा, यानी वह अपने जीवन में कितने वर्षों तक स्वस्थ रहेगा। ठीक इसी प्रकार किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले सभी एक्सपर्ट्स उसकी EBITDA देखते हैं। 

EBITDA का मतलब सरल हिंदी में

सरल हिंदी में EBITDA का मतलब यह है कि, किसी भी प्रकार का टैक्स, लोन की किस्त, कंपनी की मशीन और वाहन इत्यादि संसाधनों का मूल्यह्रास एवं ऋण मुक्ति से पहले, कंपनी अपने कारोबार से कुल कितना पैसा कमा रही है। इससे कंपनी के मैनेजमेंट की स्किल और पोटेंशियल के बारे में पता चल जाता है। उदाहरण के तौर पर, एक कंपनी 1 साल में 1000 करोड़ों रुपए कमा रही है परंतु उसकी मशीन, भवन और वाहन कंडम हो गए हैं। कंपनी पर 5000 करोड़ रुपए का लोन है। क्या ऐसी कंपनी में कोई निवेश करना पसंद करेगा। 

वहीं दूसरी तरफ कोई नई कंपनी मात्र 500 करोड रुपए सालाना कमा रही है लेकिन उसकी मशीन, भवन और वाहन आदि संपत्ति नई है। उसके ऊपर मात्र 200 करोड रुपए का कर्ज है। तो स्पष्ट पता चलता है कि, कंपनी के डूबने का खतरा कम है। यदि मैनेजमेंट सही दिशा में काम कर रहा है। कंपनी हर 3 महीने में ग्रोथ कर रही है और वह जो कारोबार कर रही है उसमें भविष्य में और अधिक मुनाफे की संभावना है। तो ऐसी कंपनी में कौन निवेश करना पसंद नहीं करेगा। 

डिस्क्लेमर- किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने से पहले, उसके बारे में पता करने के लिए कई सारे सिग्नल होते हैं। EBITDA उनमें से एक सिग्नल है। इसके माध्यम से आपको यह पता चल जाता है कि आपके इन्वेस्टमेंट पर कितना रिस्क का रहने वाला है, लेकिन यह अंतिम नहीं होता। इसलिए कृपया केवल EBITDA के आधार पर इन्वेस्टमेंट का डिसीजन नहीं बनाएं। बल्कि इसका उपयोग केवल रिस्क लेवल कैलकुलेट करने के लिए करें।

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