Madhya Pradesh legal general knowledge and law study notes
शासकीय कर्मचारियों के लिए निर्धारित नियमों में यह प्रावधान भी है कि, लोक सेवक किसी भी प्रकार का व्यापार नहीं कर सकता है। वह कार्यालय इन समय के बाद भी कोई पार्ट टाइम जॉब या बिजनेस नहीं कर सकता है। यदि वह ऐसा करता है तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1860 के तहत क्रिमिनल केस दर्ज किए जाने का प्रावधान है।
भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 168 की परिभाषा
भारतीय दंड संहिता की धारा 168 के अनुसार, जो कोई लोक सेवक होते हुए और ऐसे लोक सेवक के नाते इस बात के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए कि वह व्यापार में न लगे, व्यापार में लगेगा, वह भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 168 के तहत दोषी होगा।
भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 168 के अंतर्गत दंड का प्रावधान
यह अपराध असंज्ञेय एवं ज़मानतीय होते हैं इनकी सुनवाई प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है, इस अपराध के लिए अधिकतम एक वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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