मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में 1000 जूनियर डॉक्टरों पर हेपेटाइटिस ए के संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि मेडिकल कॉलेज के सीनियर डॉक्टरों को नहीं पता कि उनके हॉस्टल में संक्रमण क्यों फैल रहा है।
पहले नगर निगम पर ठीकरा फोड़ा अब यू-टर्न ले लिया
सितंबर महीने के फर्स्ट वीक में 11 जूनियर डॉक्टर हेपेटाइटिस ए का शिकार हुए थे। एक जूनियर डॉक्टर की जान को खतरा पैदा हो गया था। उसे आईसीयू में भर्ती किया गया था। उस समय गांधी मेडिकल कॉलेज के मैनेजमेंट ने नगर निगम पर ठीकरा फोड़ दिया था। कहा था कि हेपेटाइटिस ए का संक्रमण दूषित पानी से फैलता है और हमारे हॉस्टल में नगर निगम द्वारा पानी सप्लाई किया जाता है। नगर निगम के पानी का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। जांच रिपोर्ट आ गई है। नगर निगम के पानी में कुछ भी खतरनाक नहीं मिला। अब मैनेजमेंट ने यू टर्न ले लिया है।
कहा है कि कुछ दिनों पहले नगर निगम से पानी सप्लाई नहीं हुआ था। बाहर से टैंकर मंगवाए गए थे। शायद उस पानी से हेपिटाइटिस ए का संक्रमण फैल गया है। फिलहाल एक लड़की आईसीयू में है। मैनेजमेंट ने यह भी कहा है कि, आने वाले दिनों में कुछ और जूनियर डॉक्टरों को यह संक्रमण हो सकता है। यहां नोट करना जरूरी है कि, गांधी मेडिकल कॉलेज में हॉस्टल में छात्रों को पेयजल सप्लाई करने से पहले ना तो उसकी कोई जांच की जाती है और ना ही कोई ट्रीटमेंट। मैनेजमेंट ने प्राइवेट टैंकर वाले को जिम्मेदार बताया है परंतु उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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