मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं वर्तमान में भाजपा के प्रदेश महामंत्री श्री रणवीर सिंह रावत के घर से बगावत का ऐलान हुआ है। उनके सुपुत्र श्री आदित्य रावत की प्रोफाइल से पोस्ट लिखी गई। जिसे करीब 12 घंटे बाद हटा दिया गया परंतु स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। श्री रणवीर रावत शिवपुरी जिले के करैरा विधानसभा सीट के रहने वाले हैं परंतु करैरा सीट रिजर्व जाने के कारण वह मुरैना जिले की सबलगढ़ सीट से टिकट मांग रहे थे।
दीवार पर नाम लिखवा दिया, विधानसभा अपनी हो गई
एक दशक पहले तक और वर्तमान में कुछ ग्रामीण इलाकों में अभी भी, जब कोई यात्री बस आती है तो उसकी सीट पर यात्री अपना रुमाल अथवा सामान इत्यादि रख देते हैं। इस प्रकार माना जाता है कि वह सीट, उस रूमाल के मालिक के लिए रिजर्व हो गई है। भाजपा के नेताओं का कहना है कि श्री रणवीर सिंह रावत ने भी ऐसा ही किया था। मुरैना जिले की सबलगढ़ विधानसभा सीट से उनका कोई रिश्ता नहीं है। वहां के भाजपा कार्यकर्ताओं से उनका कोई संपर्क नहीं है। भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी होने के नाते उनका सबलगढ़ आना जाना था। इस दौरान उन्हें पता चला कि सबलगढ़ में रावत समाज के लोग संगठित हैं और एक साथ वोट करते हैं। बस इसी उम्मीद पर उन्होंने सबलगढ़ विधानसभा की दीवारों पर अपना नाम लिखवा दिया और इसके आधार पर टिकट की मांग करने लगे।
प्रोफाइल आदित्य रावत की लेकिन शब्द...
गुरुवार रात 10:46 बजे Aditya Rawat की प्रोफाइल से लिखा गया कि, आज भाजपा संगठन में काम करते हुए 20 वर्ष से अधिक हो गए, 20 साल से अधिक अपने आप को पार्टी के लिए खपा दिया, पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी उसे शत प्रतिशत निभाया, एक समय पर किसान मोर्चा की कोई पहचान नहीं थी परंतु जब कार्य संभाला तो मोर्चे को एक नया आयाम देकर स्थापित किया, पार्टी के महामंत्री के रूप में पार्टी के कार्य के लिए दिन रात प्रवास किए, संभाग के प्रत्येक मंडल में कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे, शायद ही किसी ने पार्टी के कार्य के लिए इतनी दौड़ भाग की होगी, अपने नेता के प्रति सदैव अटल रहे उनके लिए पूरी जी जान से काम किया, 20-20 दिनों बाद में एक या 2 दिन अपने घर पर समय दिया, पूरे राजनैतिक जीवन में कोई आज तक एक कलंक नही लगा सकता, परंतु उसके बावजूद पहले 2018 विधानसभा चुनाव में दरकिनार किया उसमे भी पार्टी के प्रत्यासी के लिए प्रचार किया उसके बाद राज्यसभा के चुनाव में दरकिनार किया और आज पुनः विधानसभा के चुनाव में नजरंदाज किया गया, चूंकि सदैव पार्टी लाइन में चले इसीलिए पार्टी ने सदैव समझा की ये तो हमारे ही है मना लेंगे'. आज जिन व्यक्तियों ने पार्टी छोड़कर पार्टी के लिए बुरा भला कहा उन्हे तक वापस बुला कर टिकट दिया गया परंतु पार्टी को हम में योग्यता नहीं दिखी। सहनशक्ति की भी एक सीमा होती है।
उद्देश्य पूरा हो गया था पोस्ट रिमूव कर दी
भारतीय जनता पार्टी में यह ट्रेंड चल पड़ा है। प्रभावशाली लोग इस तरह की बगावत वाली पोस्ट लिखते हैं, फिर नेगोशिएशन होता है और कुछ घंटों बाद वह पोस्ट रिमूव कर दी जाती है। आदित्य की प्रोफाइल से जो कुछ भी प्रकाशित हुआ, सभी जानते हैं कि वह आदित्य के शब्द नहीं थे। यह पोस्ट लगभग 12 घंटे या शायद इससे भी अधिक लाइव रही। सूत्रों का कहना है कि नेगोशिएशन हो जाने के बाद उसे रिमूव कर दिया गया परंतु इंटरनेट पर निशान कभी मिटते नहीं है। कृपया नीचे दिए गए यूआरएल को अपने ब्राउज़र में ओपन करके देखें। जहां से कंटेंट हटा लिया गया है परंतु यूआरएल मिटाया नहीं जा सकता।
https://www.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid02RGvQyrdJwG7TTmbeK3jUF32afhNqMtwyNW5H5MWwZY1Bvis1egrVt7dEHY7gGs8hl&id=100049825807199&mibextid=Nif5oz&paipv=0&eav=AfaP5fTw4lwuEazFy578OLrSy4UnW9js5O5BVzWZbf932mvXVv8d2F4fVvIZU-aUmZY&_rdr
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