मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज सभी विधानसभा सीटों पर सर्वे के लिए दूसरे राज्यों से आए विधायकों का प्रशिक्षण प्रारंभ हो गया। प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी होने के बाद भाजपा में बगावत के सुर और ज्यादा मुखर हुए हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रीमद भगवत गीता का एक श्लोक सुना कर असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को मोटिवेट करने का प्रयास किया है। आइए इस श्लोक और उसके सही भावार्थ को समझते हैं।
श्रीमद्भगवद्गीता श्लोक 18.26 के अनुसार सात्विक कर्ता की परिभाषा
मुक्तसङ्गोऽनहंवादी धृत्युत्साहसमन्वितः।
सिद्ध्यसिद्ध्योर्निर्विकारः कर्ता सात्त्विक उच्यते।।18.26।।
Swami Ramsukhdas के अनुसार, जो कर्ता रागरहित, अनहंवादी, धैर्य और उत्साहयुक्त तथा सिद्धि और असिद्धिमें निर्विकार है, वह सात्त्विक कहा जाता है। एवं Swami Tejomayananda के अनुसार, जो कर्ता संगरहित, अहंमन्यता से रहित, धैर्य और उत्साह से युक्त एवं कार्य की सिद्धि (सफलता) और असिद्धि (विफलता) में निर्विकार रहता है, वह कर्ता सात्त्विक कहा जाता है।।
शिवराज सिंह चौहान के अनुसार
- जो कार्यकर्ता राग (पद और टिकट ना मिलने से विचलित हो जाना) से रहित है,
- अनहंवादी (पार्टी के प्रति किए गए कार्यों और जनता में अपनी लोकप्रियता के अहंकार से रहित है)।
- आजीवन धैर्य धारण करते हुए पूरे उत्साह के साथ काम करता है।
- सिद्ध्यसिद्ध्योर्निर्विकारः- पद अथवा टिकट के लिए प्रयास करता है परंतु सफलता मिले या ना मिले, निर्विकार रहता है और पार्टी द्वारा दिए गए दायित्वों का का पालन करता रहता है।
- ऐसा कार्यकर्ता, सात्विक कार्यकर्ता कहलाता है।
इस प्रकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा कार्यकर्ताओं को समझा दिया है कि पहली लिस्ट में जो झटके लगे हैं, ऐसे आगे भी लगते रहेंगे। आप सब अपना लक्ष्य, अपना टिकट पाने के लिए प्रयास करें परंतु यदि नहीं मिलता है तो विचलित ना हो। सात्विक कार्यकर्ता होने का परिचय दें और पार्टी ने जिसे टिकट दिया है उसका प्रचार करें।
भगवान श्रीकृष्ण से अर्जुन ने पूछा था कि सात्विक कार्यकर्ता कौन..?
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 19, 2023
तब भगवान श्रीकृष्ण ने कहा था... pic.twitter.com/VEqfktmhnN