मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में एडवोकेट श्री पंकज पालीवाल के आवेदन के आधार पर क्राइम ब्रांच पुलिस थाने में आईपीसी की धारा 420 एवं 469 के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। मामले में आरोपी अज्ञात है परंतु पुलिस सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अरुण यादव इस मामले में जांच की जद में है।
मामला क्या है- संक्षिप्त में पढ़िए
एसएसपी श्री राजेश चंदेल ने बताया कि एडवोकेट श्री पंकज पालीवाल ने अपने आवेदन में दावा किया है कि लघु एवं मध्यम श्रेणी संविदा कार संघ बसंत विहार कॉलोनी लश्कर ग्वालियर संस्था के लेटर पैड पर श्री ज्ञानेंद्र अवस्थी के हस्ताक्षर नकली है एवं दस्तावेज कूटरचित है। यह दस्तावेज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय की छवि को धूमिल करने के लिए तैयार किया गया है। शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 420 यानी धोखाधड़ी (सजा 7 साल) और धारा 469 यानी किसी को बदनाम करने के लिए दस्तावेज की कूट रचना (सजा 3 साल) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले से अरुण यादव का क्या रिश्ता
भोपाल में कुछ नेताओं का दावा है कि यह कूट रचित दस्तावेज पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव द्वारा मुख्यमंत्री एवं मुख्यमंत्री के कार्यालय को बदनाम करने के लिए तैयार करवाया गया। FIR में कोई भी आरोपी नामजद नहीं है। अब ग्वालियर पुलिस की क्राइम ब्रांच मामले की तफ्तीश करेगी और यदि इस मामले में श्री अरुण यादव की संलिप्तता पाई जाती है तो आईपीसी की धारा 420 के कारण गिरफ्तारी भी संभव है।
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