कर्मचारी की सेवा समाप्ति और पदच्युत किए जाने में क्या अंतर है, कदाचरण का मेजर पनिशमेंट पढ़िए

Legal general knowledge about employees

किसी शासकीय लोक सेवक यानी अधिकारी अथवा कर्मचारी की शिकायत प्राप्त होने पर विभागीय जांच की प्रक्रिया प्रारंभ होती है। यदि डिपार्टमेंटल इंक्वायरी में वह दोषी पाया जाता है तो किसी कर्मचारी की सेवा समाप्त की जाती है और किसी कर्मचारी को पदच्युत कर दिया जाता है। आइए जानते हैं कि कर्मचारी की सेवा समाप्ति और पदच्युत किए जाने में क्या अंतर है और सेवा कदाचरण का मेजर पनिशमेंट क्या है। 

सेवा समाप्ति या बर्खास्तगी, कलंक नहीं लेकिन अयोग्यता है

सरल शब्दों में, शासकीय कर्मचारियों को, सेवा कदाचरण एवं विभागीय जाँच के पश्चात एवम परिणामस्वरूप, सेवा से डिसमिस किया जाना या रिमूव किया जाना, ना तो सेवा से बर्खास्तगी (termination) से अधिक है और ना ही कम है। रिमूव किया जाना या सेवा समाप्त किये जाने में किसी प्रकार का कलंक सम्मिलित नही होता है, अतः व्यक्ति भविष्य में किसी लोक नियोजन हेतु अपात्र नही होता है। 

शासकीय सेवा से पदच्युत और बर्खास्तगी में अंतर

वहीं दूसरी ओर, शासकीय सेवा से पदच्युत (डिसमिस) किये, जाने पर भविष्य के लोक /शासकीय नियोजन हेतु अपात्रता हो जाती है। वस्तुतः, पदच्युत किया जाना या सेवा समाप्त किया जाना एक ही हैं, इस बात के सिवाय कि, पदच्युत (डिसमिस) किये जाने में, भविष्य में लोक नियोजन /शासकीय सेवा, के लिए अयोग्यता हो जाएगी। ✒ लेखक श्री अमित चतुर्वेदी, जबलपुर स्थित हाई कोर्ट ऑफ मध्य प्रदेश में अधिवक्ता है। 

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