मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश को निर्देशित किया है कि वह स्पेशल ब्रांच में पदस्थ सूबेदार का किसी दूसरी ब्रांच में ट्रांसफर अथवा उसका संवर्ग परिवर्तन करके सूचित करें। इससे पूर्व याचिकाकर्ता को बताया गया था कि पुलिस डिपार्टमेंट में स्पेशल ब्रांच से कहीं और पदस्थापना करने का कोई प्रावधान नहीं है।
प्रमोशन के लिए ट्रांसफर चाहता है सूबेदार
याचिकाकर्ता रमेश साहू ने हाई कोर्ट को बताया कि वह सन 2013 से स्पेशल ब्रांच में सूबेदार के पद पर एक ही ऑफिस में पदस्थ है। इसके कारण उसकी प्रमोशन की संभावना भी नहीं है। उसने अपने डिपार्टमेंट के अधिकारियों को अभ्यावेदन देकर मांग की थी कि उसकी सेवाएं पुलिस विभाग की सामान्य शाखा अथवा अन्य किसी भी ब्रांच में परिवर्तित अथवा स्थानांतरित कर दी जाए। पुलिस डिपार्टमेंट ने जवाब में बताया कि स्पेशल ब्रांच से किसी दूसरी ब्रांच में ट्रांसफर का कोई प्रावधान नहीं है।
GOP-94 के हवाले से बिना प्रावधान वाले ट्रांसफर किए जाते हैं
याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि पूर्व में GOP-94 का हवाला देकर स्पेशल ब्रांच से स्पेशल आर्म्ड फोर्स में सेवा परिवर्तन की गई है। जब याचिकाकर्ता ने यह उल्लेख करते हुए अभ्यावेदन प्रस्तुत किया तो पिछले 1 साल से उसके अभ्यावेदन का निराकरण नहीं किया गया। इसलिए याचिकाकर्ता द्वारा हाई कोर्ट में याचिका प्रस्तुत की गई है।
इस याचिका की प्रथम सुनवाई 28 जुलाई 2023 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में जस्टिस मनेंद्र सिंह भट्टी की खंडपीठ द्वारा की गई। अधिवक्ता श्री रमेश सिंह ठाकुर एवं राम भजन लोधी के तर्कों से सहमत होते हुए जस्टिस महेंद्र सिंह भट्टी ने DGP को निर्देशित किया कि वह याचिकाकर्ता की सेवा को किसी अन्य विभाग में स्थानांतरित करने अथवा उसका संबर के परिवर्तन करने संबंधी अभ्यावेदन पर 30 दिवस के भीतर स्पीकिंग ऑर्डर पारित करके याचिकाकर्ता को सूचित करें।
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