मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थापित विशेष न्यायालय एमपी एमएलए कोर्ट ने कांग्रेस पार्टी के विधायक श्री जीतू पटवारी को शासकीय कार्य में बाधा का अपराधी पाते हुए 1 साल जेल की सजा और ₹20000 जुर्माना से दंडित किया है। मामला सन 2009 का है। श्री जीतू पटवारी अपने नेता श्री दिग्विजय सिंह के साथ राजगढ़ में एक प्रदर्शन में शामिल हुए थे। जिसमें पथराव हो गया था।
दिग्विजय सिंह को छोड़ बाकी 17 नेताओं के खिलाफ FIR हुई थी
विधायक जीतू पटवारी सहित 17 लोगों के खिलाफ साल 2009 में राजगढ़ में बलवा समेत शासकीय कार्य में बाधा डालने के लिए आईपीसी की धारा 148, 294, 353, 332, 332/149, 323, 323/149 , 506(2), 336, 427 और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट 1984 के सेक्शन 3 के तहत FIR दर्ज की गई थी। इसी मामले में शनिवार को विधायक जीतू पटवारी, उज्जैन कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र मरमट, जिला पंचायत अध्यक्ष राजगढ़ चंदर सोंधिया और पूर्व विधायक राजगढ़ कृष्णमोहन मालवीय को सजा सुनाई गई है।
किसानों की लड़ाई में फांसी पर लटक ना पड़े तो मंजूर: जीतू पटवारी
फैसले के बाद जीतू पटवारी ने कहा कि कोर्ट के निर्णय का सम्मान करता हूं। सीएम ने किसानों की दोगुनी आय का वादा किया था, वो आज तक नहीं हुई। जब तक गेहूं का दाम तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल नहीं होता, लड़ाई जारी रहेगी। ये मामला भी किसानों की लड़ाई का है। जो भी सजा देना चाहे दे दो, जेल भेजना चाहो भेज दो, फांसी पर लटका दो, लेकिन किसानों के हक की लड़ाई चलती रहेगी।
जीतू पटवारी के वकील अजय गुप्ता ने कहा कि फैसला अभी अक्षरश: पढ़ा नहीं है। इस बात की आशा नहीं थी कि इस तरह का फैसला आएगा। निश्चित हम लोग अपील करेंगे। विधायकी पर असर नहीं पड़ेगा। अभी जमानत हो गई है। उल्लेखनीय है कि आरोपियों को संबंधित धाराओं की न्यूनतम सजा सुनाई गई है।
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