GK questions- श्रीराम, श्रीहरिविष्णु के अवतार थे तो उनका शस्त्र धनुष क्यों था, सुदर्शन चक्र क्यों नहीं

हम सभी जानते हैं कि त्रेता युग में राक्षस प्रजाति का समूल नाश करने के लिए श्री हरि विष्णु ने राम अवतार लिया था। हम यह भी जानते हैं कि श्री हरि विष्णु का शस्त्र सुदर्शन चक्र है। प्रश्न उपस्थित होता है कि फिर भगवान राम का शस्त्र धनुष क्यों था। सुदर्शन चक्र क्यों नहीं था। आइए जानते हैं:- 

भगवान विष्णु ने राम अवतार में सुदर्शन चक्र का त्याग क्यों किया

भारतीय शास्त्र एवं विभिन्न राम कथाओं (रामायण एवं श्री रामचरितमानस इत्यादि) में स्पष्ट उल्लेख है कि, रावण ने अमर हो जाने के लिए ब्रह्मा जी की कठिन तपस्या की थी। उनके प्रसन्न होने पर रावण ने उन से वरदान मांगा था कि देवता और देवताओं का कोई भी शस्त्र उसे हानि नहीं पहुंचा सकता। इस वरदान के कारण भगवान विष्णु को राम अवतार में सुदर्शन चक्र का त्याग करना पड़ा। 

भगवान राम के साथ वनवास में लक्ष्मण क्यों गए, भरत क्यों नहीं गए

राम कथाओं में यह भी बताया गया है कि श्री राम भगवान विष्णु का अवतार थे। श्री लक्ष्मण शेषनाग का, श्री भरत सुदर्शन चक्र का और श्री शत्रुघ्न शंख का अवतार थे। माता लक्ष्मी ने माता सीता के रूप में जन्म लिया था। क्योंकि रावण को ब्रह्मा जी का वरदान प्राप्त था इसलिए सुदर्शन चक्र का अवतार श्री भरत किसी भी स्थिति में श्री राम रावण युद्ध में भाग नहीं ले सकते थे। 

MORAL OF THE STORY

मोरल ऑफ द स्टोरी यह है कि, राम अवतार में भगवान विष्णु ने यह प्रमाणित किया कि, शत्रु कितना भी शक्तिशाली क्यों ना हो। युद्ध, साहस और रणनीति से जीता जाता है। शस्त्र अत्यंत महत्वपूर्ण नहीं होते। यदि आपका सबसे शक्तिशाली शस्त्र आपके पास नहीं है तो युद्ध में आप की विजय थोड़ी मुश्किल जरूर हो जाती है परंतु असंभव नहीं होती।

सतयुग में विज्ञान इतना अधिक विकसित हो गया था कि, देवता और मानव दोनों विज्ञान और चमत्कारी अविष्कारों पर डिपेंड हो गए थे। त्रेता युग में राम अवतार के माध्यम से भगवान श्री हरि विष्णु ने यह संदेश स्थापित किया कि, विज्ञान देवता एवं मनुष्यों के सहयोग के लिए है, उपयोग के लिए है लेकिन विज्ञान पर निर्भरता उन्हें कमजोर बनाती है। 

भगवान राम ने पशु पक्षियों की सेना क्यों बनाई

राम अवतार में भगवान विष्णु ने यह भी प्रमाणित किया कि, युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षित सेना अनिवार्य नहीं है। उपलब्ध प्राणियों को प्रशिक्षित किया जा सकता है और उन्हें संगठित करके सेना बनाई जा सकती है। राम रावण युद्ध पृथ्वी का पहला ऐसा युद्ध है जिसमें भगवान विष्णु ने पशु पक्षियों को मनुष्यों के समान सैनिक के रूप में संगठित किया। इससे पहले तक पशु पक्षियों का उपयोग वाहन के रूप में किया जाता था। रामअवतार ने पृथ्वी पर प्राणियों में समानता का भाव स्थापित किया। 

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