भोपाल। मध्यप्रदेश के कई जिलों में कलेक्टर पटवारियों से ही सीमांकन कार्य करा रहे हैं। न करने पर उन्हें निलंबित करने जैसी कार्रवाई की जा रही है। सिंगरौली जिले में तो 15 पटवारियों को निलंबित किया गया। वहीं, सीधी जिले में 100 से ज्यादा पटवारियों पर निलंबन, नो वर्क-नो पे आदि कार्रवाई की गई है। इसके चलते पटवारी अवकाश पर चले गए हैं।
प्रदेश के करीब 19 हजार पटवारी बुधवार से 3 दिन की छुट्टी पर चले गए। सीमांकन की समस्या और प्रमोशन के मुद्दे पर उनकी नाराजगी है। दो दिन सरकारी अवकाश होने से भी पटवारी काम नहीं करेंगे। इस तरह वे पांच दिन छुट्टी पर रहेंगे।
मध्यप्रदेश पटवारी संघ के आह्वान पर प्रदेश के सभी जिलों में सीमांकन कार्य से विरत रहने, समान कार्य समान वेतन के आधार पर 2800 ग्रेड-पे देने एवं अन्य विषयों को लेकर 4 मई को ज्ञापन सौंपा गया था। जिसमें कहा गया था कि 23 मई तक मांगें पूरी कर दें, लेकिन तय समय सीमा में मांगें पूरी नहीं की गई। इसके चलते 24, 25 और 26 मई तक पटवारी सामूहिक अवकाश पर चले गए। 27 मई को शनिवार और 28 मई को रविवार है। सरकारी छुट्टी होने से इन दो दिन भी पटवारी काम नहीं करेंगे। इस तरह पटवारी लगातार पांच दिन कार्य से दूर रहेंगे।
पटवारी संघ के अध्यक्ष ने बताया कि पटवारियों के पास संसाधनों की कमी है। दूसरी ओर, विशेष भर्ती अभियान के तहत नियुक्त 500 राजस्व निरीक्षकों द्वारा सीमांकन कार्य नहीं किए जाने से पटवारियों पर काम का दवाब है, क्योंकि पटवारियों के पास पहले से अत्यधिक कार्य है। ऐसे में पटवारी सीमांकन कार्य नहीं कर सकते। इसलिए पटवारियों को समान कार्य समान वेतन के आधार पर 2800 ग्रेड-पे नहीं दिया जाता और समस्याओं का समाधान नहीं होता, पटवारी सीमांकन कार्य नहीं करेंगे। न ही सीमांकन कार्य में किसी प्रकार का सहयोग करेंगे।
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