जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण के संबंध में लंबित याचिकाओं के निराकरण के लिए दैनिक सुनवाई का फैसला लिया गया है। इसके खिलाफ पहले ओबीसी एससी एसटी एकता मंच द्वारा न्यूट्रल बेंच के गठन की मांग की गई और जब यह मांग अस्वीकार हो गई तो सुप्रीम कोर्ट में मध्यप्रदेश शासन की ओर से ट्रांसफर पिटिशन लगा दी गई। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में जस्टिस शील नागू एवं जस्टिस डीडी बंसल के समक्ष उपरोक्त सभी घटनाक्रम की आधिकारिक जानकारी दी गई।
ओबीसी आरक्षण अपडेट- सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर पिटिशन पर सुनवाई की तारीख
उच्च न्यायालय में बताया गया कि, मध्यप्रदेश शासन एवं ओबीसी एससी एसटी एकता मंच ने सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर पिटिशन दाखिल की है। उक्त याचिकाओं में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में विचाराधीन समस्त 66 मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में पूर्व से विचाराधीन 4 प्रकरणों के साथ किए जाने का निवेदन किया गया है। सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया श्री तुषार मेहता ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति के न्यायालय में मेंशन करके सुनवाई की तारीख 28 अप्रैल 2023 नियत की है।
इसके अलावा ओबीसी एससी एसटी एकता मंच के अधिवक्ता श्री उदय कुमार ने भी माननीय न्यायालय को बताया कि उनकी ओर से न्यूट्रल बेंच के गठन की जो मांग की गई थी, वह निरस्त कर दी गई है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की गई याचिकाओं के निर्णय की परीक्षा हेतु 27% ओबीसी आरक्षण से संबंधित मामलों की सुनवाई की अगली तारीख 4 मई 2023 निर्धारित कर दी है।
ओबीसी आरक्षण के समर्थन में दायर 27 याचिकाकर्ताओं की ओर से उदय कुमार, प्रशांत चौरसिया, महेंद्र सिंह, चंद्र कुमार पटेल, परमानंद साहू, राम भजन लोधी, रूप सिंह मरावी, ओम प्रकाश पटेल, राम सिंह राम सिंह, आकाश जैन ने पक्ष रखा। मध्यप्रदेश शासन की ओर से एडीशनल एडवोकेट जनरल आशीष बरनार्ड तथा विशेष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक प्रसाद साह ने पक्ष रखा।
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