मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा मंत्री ने जिला शिक्षा अधिकारियों को क्या-क्या निर्देश दिए, पढ़िए - MP NEWS

Madhya Pradesh government school education department news

मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने कहा है कि स्कूल शिक्षा विभागीय उच्च पद के प्रभार संबंधी प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता की साथ 10 मई तक पूर्ण करें। राज्य मंत्री श्री परमार आज भोपाल के महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान में स्कूल शिक्षा विभागीय उच्च पद के प्रभार हेतु उन्मुखीकरण कार्यशाला में शामिल हुए। 

जिला शिक्षा अधिकारी की कलम से किसी का भी अहित ना हो: स्कूल शिक्षा मंत्री

श्री परमार ने प्रदेश भर से आए संभागीय संयुक्त संचालक एवं जिला शिक्षा अधिकारियों से संवाद कर उन्हें विभागीय योजनाओं, परिदृश्यों एवं शासन की मंशानुरूप अपेक्षाओं से अवगत कराया। उच्च पदों पर प्रभार हेतु 10 मई तक पारदर्शिता पूर्ण प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को पदोन्नति एवं अन्य विषयों के संदर्भ में स्पष्ट किया है कि हमारी कलम से किसी का भी अहित ना हो एवं नियमसंगत और पारदर्शी प्रक्रिया पूर्ण की जाए। किसी का भी हक न मारा जाए और किसी तरह की कोई विसंगति न हो, पूरी प्रक्रिया सरलता से संपन्न करें।

विभागीय जांच में किसी भी प्रकार का भेदभाव ना हो: शिक्षा मंत्री

श्री परमार ने कहा कि शिक्षा संवर्ग में ग्रेडेशन और पद्दोन्नति होने से अतिशेष की स्थिति दूर होगी। जिला शिक्षा अधिकारी विभागीय जांच एवं आपराधिक प्रकरण जैसे विषयों को ध्यान में रखते हुए बिना किसी भेदभाव के शिक्षकों की नियम संगत सीआर (गोपनीय चरित्रावली) अग्रेषित करें। श्री परमार ने कहा कि भारत केंद्रित मूल्य आधारित शिक्षा के पुनर्स्थापन के लिए स्वत्व का भाव जाग्रत करना होगा और इस भाव के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में सबसे बड़ी भूमिका शिक्षकों की हैं। 

मध्यप्रदेश में आजादी के बाद पहली बार स्कूलों के रिनोवेशन के लिए सबसे बड़ा बजट

श्री परमार ने कहा कि राज्य शासन द्वारा आजादी के बाद पहली बार प्रदेश के स्कूलों की मरम्मत एवं जीर्णोद्धार के लिए सबसे बड़ा बजट 456 करोड़ रुपए का दिया गया, इस फंड का सदुपयोग करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कक्षा पहली से 8वीं तक के सभी स्कूलों में इस सत्र में फर्नीचर व्यवस्था हो जायेगी। श्री परमार ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास की आदत डालें और जिले के सभी स्कूलों में भ्रमण कर भवन, पुताई, बैठक व्यवस्था, बच्चों की उपस्थिति आदि विषयों पर कार्य करें, इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। श्री परमार ने कहा कि प्रदेश में कोई शासकीय स्कूल बंद नहीं किए गए हैं बल्कि आवश्यकतानुरूप एक परिसर में विलय किए गए हैं। उन्होंने फीस रेगुलेशन एक्ट के प्रभावी पालन करने के निर्देश दिए ताकि प्रतिवर्ष संस्था द्वारा ली जा रही शिक्षण शुल्क पर निगरानी और नियंत्रण रखा जा सकें।

प्रमोशन के मामले में डीपीआई तैयार, जिला स्तर पर काम की जरूरत: कमिश्नर

आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव ने कहा कि विभागीय उच्च पदों पर प्रभार संबंधी राज्य स्तरीय प्रयास पूर्णता की ओर है एवं जिला स्तर पर परिश्रम करने की आवश्यकता हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी उच्च पदों के प्रभार के लिए कार्यशाला में प्रदत्त जानकारी, वांछनीयता, अभ्यास, नियम, उद्देश्य एवं विभागीय लक्ष्यों को उत्साह एवं रूचीपूर्वक ग्राहय कर आवश्यक दिशा निर्देशों का पालन कर प्रक्रिया तय समयावधि पर पूर्ण करेंगे।

संचालक लोक शिक्षण श्री के.के. द्विवेदी, संचालक राज्य मुक्त विद्यालय श्री प्रभात राज तिवारी एवं अपर संचालक श्री धीरेन्द्र चतुर्वेदी सहित संभागीय संयुक्त संचालक, जिला शिक्षा अधिकारीगण एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। 

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