Madhya Pradesh Engineering College admission news
मध्य प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में इस साल ज्यादा से ज्यादा सीटें भरने के लिए नियमावली में बदलाव किया जा रहा है, नियमों को सरल और आसान बनाया जा रहा है। कुछ समझौते भी किए जा रहे हैं ताकि मध्यप्रदेश में प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों का अस्तित्व बचाया जा सके। उल्लेखनीय है कि पिछले साल 58000 सीटों में से 19334 सीट खाली रही थी।
मध्यप्रदेश में इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए मैथमेटिक्स अनिवार्य नहीं
खबर मिली है कि इंजीनियरिंग की 10 ब्रांच में एडमिशन के लिए मैथमेटिक्स अनिवार्य नहीं होगा। एग्रीकल्चर, फूड, लेदर, पैकेजिंग, फार्मास्यूटिकल, प्रिंटिंग, फैशन और टैक्सटाइल में इंजीनियरिंग करने के लिए मैथमेटिक्स की जरूरत नहीं है। कुछ ब्रांच ऐसी हैं जिनमें केमिस्ट्री भी जरूरी नहीं है। केवल केमिकल, ऑटोमोबाइल, मेट्रोनिक्स, पेट्रोकेमिकल जैसी कुछ ब्रांच में मैथमेटिक्स पहले की तरह अनिवार्य रखा गया है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि, जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा हो जाएगी।
गड़बड़ी रोकने के लिए गड़बड़ी
डिपार्टमेंट की ओर से कॉलेज लेवल काउंसलिंग के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन बनाई गई है जिसमें 3D क्लिक होगा। डिपार्टमेंट का कहना है कि प्राइवेट कॉलेज वाली बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कश्मीर आदि राज्यों में अपने एजेंटों के माध्यम से स्टूडेंट के डाक्यूमेंट्स मंगवा लेते हैं और स्टूडेंट्स सीधे परीक्षा के दिन कॉलेज में नजर आते हैं। इसे रोकने के लिए यह मोबाइल एप्लीकेशन बनाई गई है। जो सभी प्राइवेट कॉलेज के कर्मचारियों के मोबाइल में डाउनलोड करवा दी गई। अब एडमिशन लेने के लिए सबको कॉलेज जाना पड़ेगा।
कितनी अजीब सी दलील है। ऐसा नहीं हो सकता कि कॉलेज का कर्मचारी, दूसरे राज्य में एजेंट के साथ खड़ा होकर अपने मोबाइल एप्लीकेशन से CLC करवा दे। यदि ऐसा हुआ तो उच्च शिक्षा विभाग की गड़बड़ी रोकने वाली मोबाइल एप्लीकेशन गड़बड़ी को इतना सिक्योर कर देगी कि उसे पकड़ना मुश्किल हो जाएगा।
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