भोपाल। पृथ्वी के पश्चिमी क्षेत्र के समुद्रों से बादलों का एक दल भारत की तरफ बढ़ रहा है जो 12 मार्च को हिमालय के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश करेगा। मध्यप्रदेश के पश्चिम में एक नया सिस्टम एक्टिवेट हो रहा है और हवाएं अरब सागर से नमी लेकर आ रही है। ऐसी स्थिति में मध्यप्रदेश के दक्षिणी इलाकों में 15 से 20 मार्च के बीच बारिश और ओलावृष्टि होने की संभावना है।
मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान
पृथ्वी के पश्चिमी समुद्र में तूफान बहुत घातक नहीं है। इससे उठने वाले बादल कमजोर है। 12 मार्च को हिमालय का क्षेत्र पार करने के बाद 13-14 मार्च को हरियाणा और दिल्ली एनसीआर में पहुंच जाएंगे। यहां हल्की-फुल्की बारिश होगी। यही बादल मध्यप्रदेश की तरफ भी आगे बढ़ेंगे। इतनी लंबी यात्रा के बाद बादलों को और ज्यादा कमजोर हो जाना चाहिए परंतु मध्य प्रदेश की मौसम वैज्ञानिक ममता यादव का कहना है कि ठीक इसी समय 15 मार्च से मध्यप्रदेश के पश्चिम में एक सिस्टम एक्टिवेट हो जाएगा। इधर हवाएं अरब सागर से लगातार नमी लेकर आ रही है। ऐसी स्थिति में यह कमजोर बादल मध्यप्रदेश के आसमान में आकर ताकतवर हो जाएंगे।
मध्य प्रदेश के 8 जिलों में ओलावृष्टि और बारिश की संभावना
मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि, बैतूल, बुरहानपुर, खरगोन, देवास, बड़वानी, भोपाल, सीहोर, राजगढ़ और इनके सीमावर्ती इलाकों में 15 से 20 मार्च के बीच बारिश हो सकती है अथवा ओलावृष्टि हो सकती है। यहां उल्लेख करना अनिवार्य है कि मध्य प्रदेश के 80% इलाकों में या तो फसल खेतों में खड़ी है या फिर कटाई के बाद खलिहान में पड़ी है। हाल ही में हुई ओलावृष्टि ज्यादा नुकसानदायक नहीं थी परंतु यदि 15 से 20 मार्च के बीच ओलावृष्टि हो गई तो किसानों को भारी नुकसान होगा।
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