MP NEWS- संविदा BRCC के नियमितीकरण मामले में हाईकोर्ट ने स्पीकिंग ऑर्डर के निर्देश दिए

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में दायर याचिका अरविंद सिंह एवं अन्य विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन एवं अन्य मैं माननीय हाईकोर्ट ने यह निर्णय पारित किया है कि बीआरसीसी के पद पर संविदा के आधार पर कार्यरत कर्मचारियों के नियमित करने एवं उन्हें नौकरी में अवसर प्रदान करने के लिए अन आवेदक गणों को उनके पक्ष में निर्णय के लिए विचार करना चाहिए। 

आज दिनांक तक कोई नीतिगत फैसला नहीं लिया गया

आवेदकगणो का पक्ष न्यायालय के समक्ष ऐड सत्येंद्र ज्योतिषी में रखते हुए बताया कि, आवेदक गण विगत 27 वर्षों से लगातार संविदा पर बीआरसीसी के पद पर स्कूल शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी से प्रदान कर रहे हैं परंतु शासन द्वारा उनके पक्ष में आज दिनांक तक कोई नीतिगत फैसला नहीं लिया गया है। माननीय न्यायालय के समक्ष यह भी पक्ष रखा गया कि आवेदक गणों की प्रथम नियुक्ति 1995 में बीआरसीसी के पद पर 1640 -10290 के वेतनमान पर हुई थी जो वर्तमान में छठे में वेतनमान के अनुसार 9334 -100 +36 100 ग्रेड पर है। 

आवेदक उक्त पद पर लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनकी सेवाएं पूर्णता नियमित कर्मचारियों एवं अधिकारियों के समान हैं एवं महत्वपूर्ण कार्यों का निर्वहन भी कर रहे हैं। आवेदक गणों की नियुक्ति जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम डीपीईपी अंतर्गत राजीव गांधी प्राथमिक शिक्षा मिशन के तहत कलेक्टर एवं जिला मिशन संचालक के द्वारा दिनांक 21-8-95 को विकासखंड स्रोत केंद्र (BRCC) के पद पर संविदा के आधार पर हुई थी। आवेदक की तरह शिक्षा गारंटी योजना में गुरु जी एवं पर्यवेक्षकों की भी नियुक्ति हुई थी जो कि वर्तमान में संविदा शाला शिक्षक वर्ग 3 एवं अध्यापक के रूप में नियमित सेवाएं दे रहे हैं। इसी तरह सर्व शिक्षा अभियान मिशन में संविदा पर नियुक्त अधिकारी कर्मचारियों को भी नियमित नियुक्ति प्रदान कर दी गई है। 

इसी तरह जन अभियान परिषद मैं कार्यरत संविदा के आधार पर कर्मचारी अधिकारियों को भी 2018 में नियमित कर दिया गया है। इसी तरह जिला प्रशिक्षण संस्थानों में संविदा पर कार्य कर रहे प्रोग्राम प्रोग्रामर पद पर भी नियुक्ति कर दिया गया है। 

इसी तरह राज्य सहकारी विपणन संघ में संविदा पर नियुक्त क्षेत्रीय सहायकों को नियमित कर दिया गया है एवं अन्य अशासकीय संस्था बाल निकेतन संघ इंदौर द्वारा संचालित एकीकृत बाल विकास परियोजना इंदौर में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों को भी उनके पदों पर नियमित कर दिया गया है। 

मध्यप्रदेश शासन राजपत्र 30-7-2018 के अनुसार लंबे समय से संविदा पर कार्य करने वाले अधिकारी कर्मचारियों को नियमित करने की नीति बनाई गई थी जिसका आज दिनांक तक पालन नहीं हो रहा एवं अभी तक गणों को नियमित नहीं किया जा रहा। मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत उच्च माध्यमिक शिक्षक के लिए पात्रता परीक्षा 2023 का आयोजन किया गया है जिसमें आवेदक गणों को शामिल नहीं किया गया। इसी तरह उच्च माध्यमिक शिक्षक पदों पर की जा रही भर्ती से संबंधित जो विज्ञापन निकाला गया है उसमें आवेदक गणों को 20% पद संविदा कर्मचारियों को समाहित कर नियमित करने का प्रावधान था पर आवेदक गणों को उसमें भी शामिल नहीं किया गया। 

उक्त तर्क सुनने के पश्चात माननीय हाईकोर्ट ने निर्णय पारित किया है कि आवेदक गण, अन आवेदक गणों को एक विस्तृत अभ्यावेदन प्रस्तुत करेंगे जिसका निराकरण 3 महीने के अंदर कर शासन द्वारा आवेदक गणों का अभ्यावेदन स्वीकार करते हुए स्पीकिंग आदेश पारित करेंगे एवं यह निर्णय भी लेंगे की स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा जारी विज्ञापन उच्च माध्यमिक शिक्षा पात्रता परीक्षा 2023 में सम्मिलित करेंगे या उन्हें इसके पश्चात सीधे नियमित करने की प्रक्रिया में शामिल करेंगे एवं आवेदक गणों के द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन का नीतिगत तरीके से निर्णय करेंगे एवं स्पीकिंग आदेश पारित करेंगे। 

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