कोर्ट द्वारा सजा का आदेश कर्मचारी की बर्खास्तगी का वारंट नहीं: हाई कोर्ट HP India - Today News

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय ने आपराधिक प्रकरण में दोष सिद्ध कर्मचारी को बर्खास्त कर देने के मामले में महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए कहा कि, कोर्ट में किसी कर्मचारी का अपराधी सिद्ध हो जाना, उसकी बर्खास्तगी का वारंट नहीं हो सकता। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 के खंड (2) के प्रोविसो(ए) में शामिल प्रावधान, CCS (CCA) नियम 1965 के नियम 19 (i) के साथ पढ़ने पर निश्चित रूप से यह प्रावधान करते हैं कि, कोर्ट से सजा निर्धारित हो जाने के बाद कर्मचारी को बिना किसी जांच के बर्खास्त किया जा सकता है अथवा डिमोशन किया जा सकता है परंतु यह ऑटोमेटिक नहीं होता। प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।

मोहिंदर सिंह बनाम हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम

याचिकाकर्ता कर्मचारी ने उसको बर्खास्त किए जाने के आदेश को इस तर्क के साथ चुनौती दी थी कि, जिस अपराध के लिए न्यायालय से उसे सजा मिल गई है, उसी अपराध के कारण उसकी सेवा समाप्त नहीं की जानी चाहिए। एक अपराध के लिए 2 दंड नहीं दिए जाने चाहिए। ऐसा करना भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन है। 

किस कानून के तहत सजायाफ्ता कर्मचारी को बर्खास्त किया जाता है

प्रतिवादी हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग की ओर से CCS (CCA) नियमावली, 1965 के नियम 19 के प्रावधानों की ओर ध्यान दिलाते हुए अधिनियम को उचित बताया। इसके तहत सजायाफ्ता व्यक्ति को शासकीय सेवा में बने रहने का अधिकार नहीं होता और नियुक्तिकर्ता को यह अधिकार मिल जाता है कि बिना जांच के उसे बर्खास्त कर दे। यह अधिकार सीसीएस (सीसीए) नियम, 1965 के नियम 19 केखंड (i) के तहत प्रदान किया गया है।

हिमाचल प्रदेश के हाई कोर्ट ने कहा कि यह बात सही है कि, एक अपराधी को शासकीय सेवा में बने रहने का अधिकार नहीं है परंतु कोर्ट के द्वारा दंडित किए जाने पर उसके फैसले की कॉपी, कर्मचारी को बर्खास्त कर देने का आधार नहीं होना चाहिए। अपराध की प्रकृति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत वैकल्पिक उपाय पर भी विचार किया जाना चाहिए। कर्मचारी को बर्खास्त करने से पहले नियोक्ता को अपने विवेकाधिकार का उपयोग करना चाहिए। 

✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!