जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल कलेक्टर को निर्देशित किया है कि वह रेरा द्वारा जारी RRC की तामील कराएं और सोनिका इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन लिमिटेड से रिकवरी करें। याचिकाकर्ता प्रोफेसर संजय सहाय ने भोपाल कलेक्टर पर आरोप लगाया कि वह बिल्डर को सपोर्ट कर रहे हैं। RRC कि तामील नहीं करा रहे।
प्रो. संजय सहाय v/s सोनिका इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन लिमिटेड भोपाल
याचिकाकर्ता राजधानी भोपाल निवासी प्रो. संजय सहाय की ओर से अधिवक्ता अभय पांडे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता ने सोनिका इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन लिमिटेड भोपाल से वर्ष 2011 में 2400 वर्गफुट का प्लाट खरीदा था। कुल कीमत आठ लाख 40 हजार तय हुई थी। याचिकाकर्ता द्वारा बिल्डर को छह लाख 40 हजार रुपये देने के बावजूद 2014 तक काम शुरू नहीं हुआ। मामला रेरा पहुंचा।
भोपाल कलेक्टर पर दोषी बिल्डर को बचाने का आरोप
रेरा ने वर्ष 2019 में बिल्डर के खिलाफ ब्याज सहित मूल राशि 11 लाख 17,852 रुपये की रिकवरी का आदेश जारी किया। इसके बाद रेरा ने पांच मार्च 2021 को RRC जारी कर भोपाल कलेक्टर को इसकी रिकवारी करने के आदेश दिए। उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता द्वारा कई बार अभ्यावेदन देने के बावजूद कलेक्टर भोपाल द्वारा आदेश का पालन नहीं कराया, इसलिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
भोपाल कलेक्टर को हाईकोर्ट की चेतावनी
न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ ने कहा कि कोर्ट कलेक्टर भोपाल से यह उम्मीद करती है कि वे आदेश का पालन करेंगे और अवमानना नोटिस जारी करने का कोई कारण नहीं छोड़ेंगे। कोर्ट ने इसके लिए चार सप्ताह की मोहलत दी है।
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