MP NEWS- हाथी भगाने हेतु मक्खियों की फौज पाल रहा है मध्य प्रदेश का वन विभाग

भोपाल
। वह कहावत तो आपने सुनी होगी कि जब हाथी चलता है तो कुत्ते भोंकते हैं लेकिन हाथी पर कोई फर्क नहीं पड़ता। कुत्तों से पड़ता हो या ना पड़ता हो लेकिन मक्खियों से जरूर पड़ता है। यही कारण है कि मध्यप्रदेश का वन विभाग उत्पाती हाथों से मुकाबला करने के लिए मधुमक्खियों की फौज पाल रहा है। 

हाथी किस मक्खी से डरता है

कहानी की किताबों में लिखा गया है कि हाथी, चींटी से डरता है लेकिन सिर्फ चींटी ही नहीं बल्कि एक मक्खी से भी डरता है। जब कोई मधुमक्खी हाथी की सूंड या आंख में डंक मारती है तो तड़प उठता है। यहां तक कि मधुमक्खियों की आवाज से भी हाथी तनाव में आ जाता है। कहते हैं कि हाथी को कोई दीवार नहीं रोक सकती परंतु मधुमक्खियां ना केवल हाथी को रोक सकती है बल्कि मधुमक्खियों के डर से हाथी वापस भाग जाते हैं। 

मध्य प्रदेश के 8 जिलों में हाथियों का उत्पात, किसान परेशान 

छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से लगे हुए मध्य प्रदेश के 8 जिलों (रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, डिंडोरी और मंडला) में हाथियों का उत्पात मचा हुआ है। किसान परेशान हैं। वन विभाग मदद नहीं कर रहा है। नतीजा किसान अपने तरीके से हाथियों को खेत में आने से रोक रहे हैं। इस प्रक्रिया में इलेक्ट्रोक्यूशन और जहर का उपयोग किया जा रहा है जिससे हाथियों की मौत हो रही है। 

हाथी और किसान दोनों को बचाने के लिए वन विभाग का आईडिया 

मप्र वन विभाग राष्ट्रीय आजीविका मिशन के माध्यम से जंगल से सटे गांवों में मधुमक्खियों के शहद बॉक्स बंटवाने की तैयारी कर रहा है। इन बॉक्स को उन रास्तों में रखवाया जाएगा, जहां से हाथी बस्तियों में प्रवेश करते हैं। मानव-हाथी द्वंद में दोनों को नुकसान से बचाने के लिए मप्र वन विभाग ने निगरानी के लिए हाथी मित्र दल और हमले की आशंका होने पर रैपिड रिस्पॉन्स टीमों के गठन के प्रावधान किए हैं। पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ जेएस चौहान के मुताबिक वर्तमान में विंध्य और महाकौशल के जंगलों में 66 जंगली हाथी घूम रहे हैं।

  • जंगल से बस्तियों की ओर आने वाले रास्तों पर हाथी रोधी खाई (ट्रेंच) बनाई जाएंगी। ये खाई दो मीटर गहरी और 3 मीटर चौड़ी होगी। दूर से दिखेगी।
  • हाथी दूर तक नहीं देख सकते। वे सिर्फ नजदीक होने पर ही हमला करते हैं। इसलिए गांव-गांव में हाथी मित्र दलों के जरिए लोगों को समझाया जाएगा, कि हाथियों से कम से कम 250 मीटर दूर रहें।
  • हाथियों के गांवों के नजदीक आने पर मिर्च पाउडर जलाकर और पटाखे फोड़कर उन्हें भगाया जाएगा।
  • कुछ स्थानों पर हानि रहित पॉवर फेंसिंग लगाने की भी तैयारी है, जो सोलर पैनल आधारित होगी। इसमें हल्का करंट आने से हाथी उसे पार नहीं करेंगे।

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