मुरैना। तेज आवाज आई और आसमान में आग के गोले जमीन की तरफ गिरते हुए दिखाई दिए। उसके बाद दो पैराशूट नीचे की तरफ आते हुए दिखाई दिए। आसपास के लोग जानने के लिए दौड़े ताकि पता लगा सके कि क्या हुआ है। घटनास्थल पर आधा किलोमीटर तक दोनों विमानों का जलता हुआ मलवा पड़ा हुआ था। झाड़ियों में दो पैराशूट फंसे हुए थे। कुछ इस तरह के बयान लोगों ने दिए हैं। ग्वालियर से अभ्यास के लिए उड़े दो लड़ाकू विमान मुरैना के आसमान में क्रैश हो गए (फर्स्ट इंफॉर्मेशन पर आधारित ब्रेकिंग न्यूज़ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)। पढ़िए लोगों ने पत्रकारों को क्या बताया:-
तेज धमाके के बाद आसमान में आग के गोले और दो पैराशूट दिखाई दिए: सरपंच
पहाड़गढ़ के सरपंच शैलेंद्र शाक्य ने कहा कि हम गांव में ही कुछ लोगों के साथ खड़े थे। आसमान में तेज आवाज के साथ आग की लपटें दिखीं। एक विमान राजस्थान की ओर जाता दिखा, जबकि दूसरा विमान पहाड़गढ़ के जंगल में गिरता दिखा। आग की लपटें दिखते ही मैं ग्रामीणों के साथ उस दिशा में भागा, तभी आसमान में दो पैराशूट नीचे आते दिखे। हम लोग दोनों के नीचे आने का इंतजार कर रहे थे।
कुछ ही देर में एयर फोर्स का हेलीकॉप्टर आ गया
15 से 20 मिनट में दोनों पायलट नीचे आ गए। पैराशूट खाली स्थान की जगह पेड़ की टहनियों के बीच गिरा। इसकी वजह से दोनों पायलटों को चोट भी लगी। ग्रामीणों की मदद से दोनों पायलटों को झाड़ियों से निकालकर जमीन पर लिटाया। दोनों पायलटों से हम बात कर रहे थे, तभी एयरफोर्स का हेलिकॉप्टर मौके पर पहुंच गया। घायल अवस्था में दोनों पायलटों को हेलिकॉप्टर की मदद से ग्वालियर हॉस्पिटल ले जाया गया।
लगभग 1 किलोमीटर के दायरे में सर्च ऑपरेशन
सरपंच ने बताया कि घटनास्थल पर एक विमान का मलबा पड़ा हुआ था, जबकि उसके पास एक व्यक्ति का कटा हुआ हाथ और शरीर के कुछ अंग पड़े थे। घटना के बाद कलेक्टर और एसपी भी वहां पहुंच गए। करीब 800 मीटर के दायरे में वायु सेना के जवानों ने विमान के मलबे की तलाश शुरू कर दी।
धमाका इतना तेज हुआ कि घर के दरवाजे-खिड़कियां हिल गईं
घटनास्थल पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। स्थानीय लोगों के अनुसार पहाड़गढ़ के मंदिर के जंगल के पास बहुत तेज धमाका सुनाई दिया। धमाका इतना तेज था कि घर के दरवाजे और खिड़कियां हिल गईं। घटना की जानकारी लगते ही पहाड़गढ़ के पुलिस अफसर मौके पर पहुंच गए। घटना के कुछ मिनट बाद एयरफोर्स के अफसर भी आ गए। बताया जा रहा है कि मौके पर एक व्यक्ति का शव पड़ा हुआ था।
ग्रामीणों ने धूल डालकर लड़ाकू विमानों में लगी आग बुझाने के प्रयास किए
पहाड़गढ़ के रहने वाले वीरू ने बताया कि सुबह करीब 10:30 बजे उन्हें तेज धमाके की आवाज सुनाई दी। उन्हें आसमान में एक विमान दिखा। उसमें से धुआं निकल रहा था, वह विमान आगे चला गया। कुछ देर बाद हमें गांव से चार-पांच किमी दूर जंगल से धुआं उठता दिखाई दिया। हम सरपंच सहित कई लोग मौके पर पहुंचे। वहां आग की ऊंची लपटें दिखीं। हमने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन लपटें बहुत तेज थी। हमारे पास पानी भी नहीं था। ऐसे में उसे बुझा पाना संभव नहीं था।
वीरू ने बताया कि हमने धूल डालकर बुझाने का प्रयास किया, लेकिन यह काम नहीं आया। सरपंच की सूचना पर कुछ ही देर में पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच गई। उन्होंने पानी डालकर विमान में लगी आग पर काबू पाया।
मिराज और सुखोई दोनों की डिबरी मिल गई
ग्रामीणों ने बताया कि एयरफोर्स के अफसरों के साथ ही कलेक्टर अंकित अस्थाना और एसपी आशुतोष बागरी भी मौके पर पहुंच गए थे। घटनास्थल पर क्रैश हुए मिराज एयरक्राफ्ट की डिबरी मिली है। उसका वेरीफिकेशन भी हो गया है। दोनों एयरक्राफ्ट मिराज और सुखोई की डिबरी यहीं पर हैं। काफी बड़े एरिया में एयरक्राफ्ट के पार्ट गिरे हैं। मलबा करीब 500 से 800 मीटर एरिया में बिखरा है।
एक विमान मुरैना में दूसरा राजस्थान के भरतपुर में जाकर गिरा
जानकारी के अनुसार पहाड़गढ़ में जो फाइटर प्लेन गिरा है वो मिराज-2000 है। राजस्थान के भरतपुर में गिरने वाला प्लेन सुखोई-30 है। सुखोई पर दो और मिराज पर एक पायलट सवार थे। हादसे में सुखोई के दोनों पायलट सुरक्षित एजेक्ट होने में कामयाब रहे, लेकिन मिराज के पायलट की मौत हो गई।
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