MP NEWS- प्रमुख सचिव और संचालक हाई कोर्ट में हाजिर हो, बिना आरक्षण प्रमोशन का मामला

ग्वालियर
। सुप्रीम कोर्ट में प्रमोशन में आरक्षण का मामला लंबित है लेकिन सरकार ने बिना आरक्षण वाले पदों पर भी प्रमोशन रोक रखा है। पशु चिकित्सा विभाग के, सामान्य और पिछड़ा वर्ग के 11 डॉक्टरों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। पहले सिंगल बेंच और फिर डबल बेंच ने प्रमोशन के आदेश जारी किए परंतु सरकार ने पालन नहीं किया। अवमानना की याचिका प्रस्तुत हुई तो हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव और संचालक को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। 

हाई कोर्ट को अनारक्षित कर्मचारियों के प्रमोशन से कोई दिक्कत नहीं है

वर्ष 2018 में धीरेंद्र चतुर्वेदी विरुद्ध मप्र शासन प्रकरण में हाई कोर्ट ने यथास्थिति के अंतरिम आदेश की व्याख्या दी थी। जिसमें स्पष्ट कर दिया था कि सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पदोन्नति में कोई दिक्कत नहीं है।

हाई कोर्ट के ऑर्डर के बाद भी सरकार ने प्रमोशन नहीं दिया

इस आदेश को आधार बनाकर 11 पशु चिकित्सकों ने हाई कोर्ट ग्वालियर में पदोन्नति के लिए याचिका दायर की थी। जिसमें सिंगल एवं डबल बेंच ने शासन को पदोन्नति के आदेश दिए थे। फिर भी पदोन्नति नहीं की गई, तो पशु चिकित्सकों ने पुनर्विचार याचिका दायर की। उसमें भी यही आदेश दिए गए। फिर भी शासन ने पदोन्नत नहीं किया, तो अवमानना याचिका लगाई गई। 

प्रमुख सचिव और संचालक हाई कोर्ट में हाजिर हो

पांच दिसंबर को मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने विभाग के प्रमुख सचिव और संचालक को फटकार लगाते हुए तीन दिन में जवाब मांगा है।

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