ठेकेदार का 15 लाख का पेमेंट रोका था, अब तीन करोड़ देने पड़ेंगे, GWALIOR हाई कोर्ट मामला

ग्वालियर
। हाईकोर्ट में मंदसौर के कलेक्टर के खिलाफ अवमानना की याचिका लगी हुई है। यह याचिका बिजली ठेकेदार एवं सप्लायर शुभम इलेक्ट्रिकल्स द्वारा लगाई गई है। अधिकारियों ने इनका 15 लाख रुपए का पेमेंट रोक लिया था। इसके लिए 12 साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी परंतु अब मूल और ब्याज मिलाकर 3 करोड़ों रुपए से ज्यादा मिलेंगे और उस अधिकारी के खिलाफ विभागीय दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी जिसमें पेमेंट रोका था। हो सकता है शासन वसूली की कार्यवाही करें। 

मामला मंदसौर जिले के सीतामऊ शहर का है। नगर परिषद में सोलर लाइट सिस्टम के लिए टेंडर जारी किए थे। शुभम इलेक्ट्रिकल्स को सबसे कम रेट होने के कारण टेंडर मिला। उन्होंने डिमांड के अनुसार दिनांक 13 अगस्त 2010 को नगर परिषद में 15 सोलर लाइट सिस्टम सप्लाई किए। एक सोलर लाइट सिस्टम 96,300 रुपए के हिसाब से कुल 14,44,500 रुपए का बिल बना। लेकिन नगर परिषद के अधिकारियों ने पेमेंट नहीं किया। 

शुभम इलेक्ट्रिकल्स ने मप्र सूक्ष्म और लघु उद्यम फेसिलिटेशन काउंसिल भोपाल में अपील की। काउंसिल ने अगस्त 2013 में आदेश दिया कि ठेकेदार को बिल की रकम के अलावा ब्याज के रूप में 7,48,568 रुपए कप्तान किया जाए। नगर परिषद की ओर से फिर भी पेमेंट नहीं किया गया। ठेकेदार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। उच्च न्यायालय ने दिनांक 4 अक्टूबर 2021 को बिल की मूल रकम और फैसले की दिनांक तक का ब्याज भुगतान करने के आदेश दिए। हाईकोर्ट ने इसके लिए मंदसौर कलेक्टर को आदेशित किया था कि वह RRC जारी करके वसूली करें। 

हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ अतः कलेक्टर के खिलाफ अवमानना की याचिका लगा दी गई। दिनांक 9 मई 2022 तक मूलधन और ब्याज मिलाकर 3 करोड़ 31 लाख से ज्यादा रकम हो गई है। उच्च न्यायालय में मंदसौर के कलेक्टर गौतम सिंह ने बताया कि इतने बड़े भुगतान के लिए हमने शासन से स्वीकृति मांगी है। इसके अलावा यह भी बताया कि जिस अधिकारी के कारण यह स्थिति निर्मित हुई उसके खिलाफ डिपार्टमेंटल एक्शन लिया जा रहा है। 

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