MPPSC 2019 के रिजल्ट में दिव्यांग उम्मीदवारों के साथ अन्याय- Kuhla Khat

MPPSC द्वारा राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2019 का जो रिजल्ट घोषित किया गया है उसमें दिव्यांग उम्मीदवारों के साथ अन्याय हो गया है। अस्थि विकलांग उम्मीदवारों के मामले में फार्मूले का पालन नहीं किया गया और मुख्य परीक्षा के लिए नियम अनुसार निर्धारित से कम संख्या में कैंडिडेट्स का चयन किया गया है।

दिव्यांग की श्रेणी में अस्थि विकलांग की कुल 7 सीट हैं। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के नियमानुसार मुख्य परीक्षा के लिए रिक्त पदों का 15 गुना+ समान अंतरा कट ऑफ निर्धारित किया गया है। जबकि अस्थि विकलांग श्रेणी में कुल क्षेत्र कैंडिडेट ही क्वालीफाई बताए गए हैं, जबकि नियमानुसार 7 सीट का 15 गुना 105 कैंडिडेट मुख्य परीक्षा में क्वालिफाई होना चाहिए। 

इससे पहले राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2019 का जो रिजल्ट घोषित किया गया था उसमें 7 सीटों के लिए 120 उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा में शामिल किया गया था। अतः एमपीपीएससी के चेयरमैन से निवेदन है कि वह संशोधित परीक्षा परिणाम जारी करें। ताकि उन्हें ज्यादा उम्मीदवार और उम्मीदवारों को अवसर प्राप्त हो। 
शिव प्रताप सिंह परमार (दिव्यांग उम्मीदवार) 

अस्वीकरण: खुला-खत एक ओपन प्लेटफार्म है। यहां मध्य प्रदेश के सभी जागरूक नागरिक सरकारी नीतियों की समीक्षा करते हैं। सुझाव देते हैं एवं समस्याओं की जानकारी देते हैं। पत्र लेखक के विचार उसके निजी होते हैं। इससे पूर्व प्रकाशित हुए खुले खत पढ़ने के लिए कृपया Khula Khat पर क्लिक करें. यदि आपके पास भी है कुछ ऐसा जो मध्य प्रदेश के हित में हो, तो कृपया लिख भेजिए हमारा ई-पता है:- editorbhopalsamachar@gmail.com

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!