क्या है विधि के समक्ष समता एवं विधियों का समान संरक्षण जानिए- Fundamental Right

भारतीय संविधान अधिनियम, 1950 के अनुच्छेद 14 से 18 तक समता (समानता) का अधिकार नागरिकों को प्राप्त है, समानता से अर्थ है कि भारत में रहने वाले सभी व्यक्ति कानून के समक्ष समान है। कानून सभी के साथ समान न्याय करेगा अर्थात एक आरोपी को भी आपने बचाव के लिए उतना ही अधिकार होगा जितना वादी को आरोप सिद्ध करने का होता है। संविधान में समानता का अधिकार विधि के समक्ष होगा और हमारा देश विधि द्वारा ही चलता है, जानते हैं आज हम विधिक संरक्षण एवं विधिक समानता क्या है?

भारतीय संविधान अधिनियम, 1950 के अनुच्छेद 14 की परिभाषा:-

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 समता का सामान्य नियम बताता है जो व्यक्तियों के बीच अयुक्तियुक्त विभेद को खत्म करता है। इस अनुच्छेद में बताया गया है की सभी नागरिक विधि के समक्ष समान है एवं सभी को विधियों के समान संरक्षण का अधिकार प्राप्त है।

साधारण शब्दों में कहें तो अनुच्छेद 14 कानून के सामने सभी नागरिकों को समान मानता है एवं सभी को कानूनी संरक्षण प्राप्त होगा अर्थात विधि के उल्लंघन पर जो दण्ड एक आम नागरिक जो मिलता है वो ही दण्ड देश के राष्ट्रपति को भी मिलेगा। 

हमारा देश भारतीय संविधान एवं विधि के अनुसार चलता है एवं कानून (विधि) के उल्लंघन पर ही नागरिकों को न्यायालय द्वारा दण्ड दिया जाता है इस प्रकार विधि के समक्ष सब सभी को समानता एवं विधि से संरक्षण प्राप्त है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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