BHOPAL में डंडा बैंक- कर्जदार को थाने में बेहोश होने तक पीटा, पुलिस वाले देखते रहे - NEWS TODAY

भोपाल
। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बजरिया थाना पुलिस जांच की जद में आ गई है। 32 वर्षीय गीतेश साहू को 2 पुलिस कर्मचारी थाने में लेकर आए और यहां डंडा बैंक संचालक (सूदखोर) मनीष अग्रवाल ने पुलिस वालों की मौजूदगी में उसे बेहोश होने तक पीटा। उसकी गलती मात्र इतनी सी कि उसने मनीष अग्रवाल से 3000 रुपए उधार लिए थे। जिसकी वसूली के लिए उसे थाने लाया था। 

इस घटना के बाद आरोप लगाया जा रहा है कि भोपाल में बैंक लोन की वसूली का काम पुलिस नहीं करती परंतु डंडा बैंक (सूदखोर) के लोन की वसूली का काम पुलिस करती है। गीतेश साहू ने बताया कि वह भोपाल रेलवे स्टेशन के सामने जैन होटल में जॉब करता है। उसने बताया कि तीन महीने पहले नौकरी छूटने पर उसने रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म-1 की तरफ रहने वाले मनीष अग्रवाल से 3000 रुपए उधार लिए थे। इसमें से 800 रुपए वह लौटा चुका है। 

सूदखोर के साथ पुलिस वाले आए और थाने ले गए

शनिवार रात करीब आठ बजे वह होटल में बैठा था। इसी बीच, सूदखोर मनीष अग्रवाल बजरिया थाने के कॉन्स्टेबल मनीष के साथ स्कूटी से होटल पहुंचा। कॉन्स्टेबल ने गीतेश से कहा कि 10 मिनट के लिए थाने चलो। तुम दोनों को आमने-सामने बैठाकर हिसाब-किताब बना देते हैं। कॉन्स्टेबल के भरोसे में आकर गीतेश उनकी गाड़ी में बैठ गया। गीतेश साहू का आरोप है कि थाने के बाहर से ही दोनों उसे पीटने लगे। अंदर ले जाकर कॉन्स्टेबल मनीष और जेपी ने उसे एक कमरे में बंद कर लिया। 

आटा चक्की वाले पट्टे से बेहोश होने तक पीटा

गीतेश का कहना कि दोनों कॉन्स्टेबल ने कमरे के अंदर रखा आटा चक्की का पट्‌टा निकाला और उसे तब तक पीटा, जब तक वह बेहोश नहीं हो गया। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने यह कहते हुए उसे छोड़ा कि वो इस बात की शिकायत किसी से नहीं करेगा। पुलिस की पिटाई से कराहता हुआ गीतेश घर पहुंचा और परिजनों को घटना के बारे में बताया।

पुलिस थाने में कॉन्स्टेबल ने हिसाब बना कर दिया

गीतेश ने बताया कि तीन महीने पहले मेरी नौकरी छूट गई थी। ऐसे में मैंने दूससंचार कंपनियों के मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव के लिए छतरी बनाने का काम शुरू किया और इसके लिए मनीष अग्रवाल से कर्ज लिया था। तीन दिन पहले हिसाब हुआ था, तब मनीष ने बताया था कि 1200 रुपए ब्याज के हो गए हैं। थाने में पुलिसकर्मी मनीष ने ब्याज और मूल जोड़कर बताया कि 3750 रुपए हुए हैं। पुलिसकर्मी मनीष ने धमकाया कि अगले रोज पैसा दे देना। नहीं तो दोबारा इसी तरह थाने में पिटाई होगी।

पैसा नहीं था, इसलिए कर्ज नहीं चुका पाया

गीतेश का कहना कि उसकी आर्थिक स्थित ठीक नहीं है। हाल ही में वह होटल में जॉब करने लगा है। मनीष उसे जब भी मिलता था, पैसे मांगता था। मैंने कभी भी उसे पैसा देने से मना नहीं किया। 800 रुपए ब्याज दे चुका हूं। पूरा पैसा इस महीने का वेतन मिलने पर दे देता, लेकिन उसे भरोसा नहीं हो रहा था। उसने दो कॉन्स्टेबलों से सांठगांठ कर बेरहमी से पिटवाया। पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। 

इस घटना की जानकारी पत्रकारों तक पहुंचने के बाद जब उन्होंने पुलिस अधिकारियों से पूछताछ शुरू की तो बजरिया थाना पुलिस ने सूदखोर मनीष अग्रवाल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। टीआई अनिल मौर्य ने बताया कि युवक के साथ सूदखोर ने मारपीट की है। उन्होंने बताया कि आरोपी पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच की जा रही है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि थाने के अंदर सूदखोर को घुसने और पुलिस हिरासत में किसी व्यक्ति के साथ मारपीट करने की इजाजत किसने दी। क्या घटना के समय थाने में कोई और नहीं था।

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