उच्च न्यायालय में कितने प्रकार की बेंच होती है और यह किन मामलों में सुनवाई करती है जानिए- Legal Advice

भारत की एकल न्यायिक व्यवस्था में उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय से नीचे हैं लेकिन अधीनस्थ न्यायालयों के ऊपर कार्य करता है। राज्य के न्यायिक प्रशासन में उच्च न्यायालय की स्थिति शीर्ष पर होती है।

उच्च न्यायालय की न्यायिक शक्ति:-

उच्च न्यायालय की न्यायिक शक्ति बहुत ही विस्तृत हैं लेकिन हम अपीलीय मामलों की बात करते हैं, जब कोई व्यक्ति जिला स्तर के न्यायालय के निर्णय से संतुष्ट नहीं होता है तो वह ऐसे निर्णय के विरुद्ध उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है। उच्च न्यायालय को यह शक्ति प्राप्ति है कि वह जिला न्यायालय के निर्णय पर विचार कर सके, यदि उच्च न्यायालय को जिला न्यायालय का निर्णय उचित न लगें उसे यह अधिकार है कि वह उस निर्णय को उलट कर उचित निर्णय दे।

उच्च न्यायालय की पीठ (बेंच)

मुकदमे की सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय में तीन प्रकार की बेंच या पीठ होती है जो निम्न हैं-
1. पूर्ण पीठ:-  यह पीठ (बेंच) तब बनाई जाती है जब उच्च न्यायालय के सामने कोई गंभीर मामला आता है।
2. खण्ड पीठ:- इस पीठ में एक से अधिक न्यायाधीश होते हैं एवं कुछ विशेष मामलो के लिए ही यह पीठ बनाई जाती है।
3. एकल पीठ:- इस पीठ(बेंच) में एक ही न्यायाधीश होता है एवं अधिकतर मुकदमे(मामले) एकल पीठ द्वारा ही सुने जाते हैं। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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