Amazing Facts In Hindi- इंसानी त्वचा हवा को भी शुद्ध करती है, O3 को OH RADICAL बना देती है

Bhopal Samachar
क्या आप जानते हैं कि हमारे शरीर को सबसे बड़ा अंग कौन सा है और इसकी क्या विशेषता होती है? यह अंग किस तरह हमारे शरीर के दूसरे नाजुक अंगों की रक्षा करता है और इसके साथ ही इसमें एक अदृश्य गुण भी पाया जाता है। तो अब तो आप अपने कॉमन सेंस से समझ गए होंगे कि हम मानव शरीर के सबसे बड़े अंग त्वचा (Skin) के बारे में बात कर रहे हैं। तो चलिए आज 1 मिनट भी कम समय में यही पता लगाने की कोशिश करते हैं की हमारी त्वचा में ऐसा कौन सा विशेष गुण पाया जाता है, जो कि साइंटिस्ट के रिसर्च का कारण बन गया। 

साइंस मैगजीन में प्रकाशित रिसर्च में जर्मनी के Scientists ने कहा है कि हवा में मौजूद ओजोन (O3) जब हमारी त्वचा की वसामय ग्रंथियो या सेबेशियस ग्लैंड्स (Sabaceous glands) से बने तेल के संपर्क में आता है तब ऐसे अणु (Molecule) बनते हैं, जो आसपास की हवा को शुद्ध कर देते हैं। इन मॉलिक्यूल्स को ओएच रेडिकल (OH Radical) कहा जाता है। 

वैज्ञानिकों के अनुसार यह एक स्वविकसित ऑक्सीकरण क्षेत्र है। इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने मानव शरीर से बने इस ओएच रैडिकल का पता लगाया है। उनके अनुसार मानव त्वचा में आसपास की हवा को शुद्ध करने की खास विशेषता होती है। इससे पहले भी वैज्ञानिकों ने सूर्य की रौशनी से बने ओएच रेडिकल का विश्लेषण किया है, जिसमें पाया गया था कि ओएच रेडिकल जहरीले अणुओं को निष्क्रिय कर देते हैं। 

OH RADICAL क्या है? 

OH RADICAL (The Hydroxyl Radical) हाइड्रॉक्सिल रेडिकल एक डायटॉमिक अणु है जो कि एक तनु गैस (dilute gas) के रूप में बहुत स्थिर है, परंतु संघनित अवस्था (Condenced Stage) में बहुत तेजी से खराब होता है। हाइड्रॉक्सिल रैडिकल को क्षोभमंडल (Troposphere) के डिटर्जेंट के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि ये कई सारे प्रदूषकों के साथ प्रतिक्रिया करके उनको नष्ट कर देता है। चूँकि ये हाइड्रॉक्सिल रैडिकल हमारी त्वचा की बाहरी सतह पर ही होते हैं। इसके कारण ही हमारी त्वचा किसी एयर प्यूरिफायर की तरह हमारे आस पास की हवा को शुद्ध करने का अदृश्य गुण रखती है। 

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