The Sound of Music फ़िल्म समीक्षा- 1965 से आज तक सुपरहिट

Old but Gold सेक्शन में हम नज़र डालेंगे कुछ पुरानी पर बेहतरीन फ़िल्मों पर। कुछ ऐसी फिल्में जिन्होंने इतिहास बनाया। नए कीर्तिमान रचे और समाज को कुछ ऐसा दिया जो उनसे पहले किसी ने नहीं दिया था। आज जिस फिल्म की बात की जा रही है उसे 1965 से लेकर आज तक लोग टिकट लेकर देख रहे हैं। यह फिल्म आज भी फ्री में उपलब्ध नहीं है।
Film - The Sound of Music
Release Date - 2 March, 1965 (USA)

5 साल तक सुपरहिट, सबसे ज्यादा कमाई, 5 ऑस्कर अवॉर्ड

रॉबर्ट वाइज़ द्वारा निर्देशित और जूली ऐंड्रूज़ अभिनीत द साउंड ऑफ म्यूज़िक एक म्यूज़िकल ड्रामा फ़िल्म है जो सन 1965 में आइ थी। यह फ़िल्म उस समय की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म बनी और ये रिकॉर्ड अगले पाँच वर्षों तक इस फ़िल्म के नाम रहा। साथ ही इस फ़िल्म को 5 ऑस्कर अवॉर्ड मिले जैसे सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ चलचित्र और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री। 

बॉलीवुड फ़िल्म परिचय 1972 भी The Sound of Music पर आधारित है

इस फ़िल्म का जादू भारतीय सिनमा जगत से भी अछूता नहीं रहा, और सन 1972 में गुलज़ार द्वारा निर्देशी फ़िल्म परिचय, इस फ़िल्म पर ही आधारित है। जितेंद्र, प्राण, असरानी, जया भादुड़ी, संजीव कुमार और विनोद खन्ना अभिनीत इस फ़िल्म के गानों की ही तरह साउंड ओफ़ म्यूज़िक के भी गाने बहुत अच्छे थे। 

वेस्टर्न क्लासिकल म्यूज़िक के 7 स्वर

'Do-Re-Mi' गाने से मिलता हुआ गाना 'सारे के सारे गामा को लेकर गाते चले' दोनों ही फ़िल्मों में सफल रहा पर Do-Re-Mi के बोल ज़्यादा गहरे अर्थ वाले थे। जिन्हें जानकारी ना हो उन्हें बता दें कि वेस्टर्न क्लासिकल म्यूज़िक में दो-रे-मी-फ़ा-सो-ला-ते  भारतीय संगीत में सा-रे-गा-मा-पा-धा-नी जैसे सात स्वर होते हैं।

The Sound of Music फिल्म की कहानी

साउंड ओफ़ म्यूज़िक 1938 में हिट्लर कालखंड के दौरान एक नन की कहानी है जिसे एक नेवी अफ़सर के यहाँ आया का काम मिलता है। नेवी अफ़सर के 7 बच्चे रहते हैं जिन्हें सम्भालना किसी सरदर्द से काम नहीं। ऐसे में कैसे वह नन पूरे परिवार को सम्भालती है यही बहुत संक्षेप में इस फ़िल्म की कहानी है। 

The Sound of Music मूवी में क्या-क्या अच्छा है

फ़िल्म में बहुत से सीन ऐसे हैं जो चेहरे पर हल्की मुस्कान ला देंगे। फ़िल्म की कहानी बहुत सरल है पर उतार चढ़ाव से भरी है, जिसे इस फ़िल्म का स्क्रीन्प्ले बांधे रखता है। फ़िल्म का संगीत बहुत बढ़िया है।  गानों के बोल अच्छे हैं। ओपेरा के तरह कुछ गाने गाए गए हैं।  फ़िल्म के संवाद अच्छे है और कई जगह संवाद के लिए भी गानों का प्रयोग किया गया है जो अपने आप में नया है। सारे कलाकारों ने काम अच्छा किया है। बच्चों का नृत्य मनमोहक है। Austria के मनमोहक नज़ारे आँखों को सुकून देते हैं। फ़िल्म का निर्देशन बहुत अच्छा है। 

The Sound of Music Movie की खामियां

फ़िल्म की ख़ामियों की अगर बात करें तो फ़िल्म की लम्बाई 3 घंटे है और फ़िल्म थोड़ी धीमे गति से आगे बढ़ती है। पर 1965 के हिसाब से फ़िल्म की लम्बाई और गती ठीक है। जिन्हें अंग्रेज़ी गाने पसंद नहीं उन्हें शायद यह फ़िल्म रास ना आए क्योंकि फ़िल्म में कुछ संवाद भी गाने के रूप में हैं। क़रीब 16 गाने हैं फ़िल्म में जिनके लम्बाई 45 मिनट के आसपास होती है। पर यह एक म्यूज़िकल फ़िल्म है इसलिए आप इससे गाने नहीं निकाल सकते।

एक अच्छी फ़िल्म के लिए ज़्यादा कुछ नहीं बस इतना ही करना होता है कि देखने में फ़िल्म सुंदर हो, संगीत मधुर हो और फ़िल्म मानवीय भावनाओं को स्पर्श कर जाए। इसके बाद एक साधारण कहानी भी इन खूबियों के साथ प्रस्तुत की जाए तो अच्छी लगती है और ये सारे गुण इस फ़िल्म में हैं। एक अच्छी फ़ील गुड मूवी आप इसे कह सकते हैं।  अगर आप इसे देखना चाहें तो यह फ़िल्म डिज़्नी + होटस्टार पर उपलब्ध है। ✒ लेखक - राजा नितिन परिहार

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