इंदौर। मध्य प्रदेश की सरकार अपने ही बनाए आरक्षण के नियमों में उलझ गई है और इसका खामियाजा मध्य प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन के अभ्यर्थियों को उठाना पड़ रहा है। आयोग के सूत्रों का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2019 का रिजल्ट फिर से जारी किया जाएगा। स्वाभाविक है मुख्य परीक्षा का आयोजन फिर से होगा। यानी, अब तक जो कुछ भी हुआ सब खत्म।
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग में क्या पक रहा है
सूत्रों का कहना है कि राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2019 का आयोजन सरकार के आदेश अनुसार आरक्षण के नए नियम के आधार पर किया गया। इसमें आरक्षित वर्ग को आरक्षित सीटों पर ही मौका दिया गया। मेरिट के बेस पर अनारक्षित सीट नहीं दी गई। नतीजा मामला हाई कोर्ट में चला गया और 7 अप्रैल को हाईकोर्ट ने राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2015 के आधार पर राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2019 का रिजल्ट घोषित करने के आदेश दिए।
इधर एमपीपीएससी द्वारा राज्यसेवा मुख्य परीक्षा 2019 का रिजल्ट घोषित हो चुका है। उम्मीदवार इंटरव्यू का इंतजार कर रहे हैं। आयोग के सूत्रों का कहना है कि पदाधिकारियों ने तय किया है कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा 2019 का रिजल्ट घोषित किया जाएगा और फिर उसके आधार पर मुख्य परीक्षा का आयोजन एक बार फिर किया जाएगा।
इधर मुख्य परीक्षा पास कर के इंटरव्यू का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों का कहना है कि यदि उन्हें इंटरव्यू में शामिल नहीं किया गया तो हाई कोर्ट चले जाएंगे। कुल मिलाकर एमपीपीएससी 2019 पूरी तरह से खटाई में पड़ गई है।