भोपाल। टीकमगढ़ का टंटा बड़ा हो गया है। 40 साल की दोस्ती का तमाशा जमाना देख रहा है। पहले दिग्विजय सिंह के घर पार्षदों की गुपचुप मीटिंग हुई। फिर कमलनाथ ने कैंडिडेट घोषित किया और अब संगठन के प्रभारी ने कमलनाथ का आदेश निरस्त कर दिया। यहां उल्लेख करना अनिवार्य है कि जबलपुर जिले की सिहोरा नगर परिषद अध्यक्ष पद हेतु भी इसी प्रकार प्रत्याशी का नाम घोषित करके बाद में बदला गया है।
MP CONGRESS NEWS- संगठन प्रभारी ने प्रदेश अध्यक्ष का आदेश निरस्त किया
चंद्रप्रभाष शेखर उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी ने आज एक पत्र जारी करते हुए टीकमगढ़ में श्रीमती पूनम रजनी जायसवाल को टीकमगढ़ नगरपालिका अध्यक्ष पद हेतु प्रत्याशी घोषित किए जाने वाला आदेश निरस्त कर दिया है। यह आदेश प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश पर जारी किया गया था। कमलनाथ के आदेश को निरस्त करने वाला आदेश चंद्रप्रभाष शेखर द्वारा जारी किया गया है। यानी संगठन प्रभारी ने प्रदेश अध्यक्ष का आदेश निरस्त कर दिया है।
आज 9 अगस्त 2022 को जारी पत्र क्रमांक 1043/22 में चंद्रप्रभाष शेखर ने श्री सुनील बोरसे, श्री शंकर प्रताप सिंह मुन्ना राजा और श्री भगत राम यादव शहर कांग्रेस अध्यक्ष को संबोधित करते हुए बताया है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जो आदेश जारी हुआ था वह निरस्त किया जाता है।
लिखा है कि मेरी, जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष श्री नवीन साहू एवं शहर कांग्रेस अध्यक्ष श्री भगत राम यादव से बात हुई है। यह निर्णय लिया गया है कि 10 अगस्त 2022 को सुबह 9:00 बजे कांग्रेस पार्षद दल की मीटिंग में सर्व अनुमति के प्रयासों से या गोपनीय रायशुमारी कर जिस को अधिक मत प्राप्त होंगे उसे अध्यक्ष पद का प्रत्याशी मनोनीत किया जाएगा। इसी तरह उपाध्यक्ष प्रत्याशी का चयन होगा। श्री सुनील बोरसे एवं शंकर प्रताप सिंह मुन्ना राजा को पर्यवेक्षक मनोनीत किया गया है।
कुल मिलाकर बॉल एक बार फिर दिग्विजय सिंह के पाले में आ गई है। देखना यह है कि कमलनाथ के निर्देशानुसार जारी हुए मैंडेट को निरस्त करने की यह कार्रवाई मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय के अंदर क्या सीन क्रिएट करेगी।
दोनों आदेशों की भाषा देखिए, सब समझ आ जाएगा
देख रहे हो बिनोद
— Surendra Sharma Shivpuri (@surendraGmp) August 9, 2022
कल @OfficeOfKNath ने पत्र जारी करवाया, आज @digvijaya_28 ने @RahulGandhi गांधी को बोलकर निरस्त करवा दिया।
कमलनाथ की ऐसी बेइज्जती तो पहले कभी न हुई थी।
मामला मुस्लिम तुष्टिकरण का है या मोटे माल का है यह तो @INCMP के नेता ही बता सकते हैं??? https://t.co/1kwKFPCUYm pic.twitter.com/UU6Q2rNzfD