सेशन न्यायालय किस प्रकार साक्षी के रिकॉर्ड को तैयार करेगा जानिए- CrPC 276

जब कोई अपराध ऐसा है जिसमे दस वर्ष से अधिक कारावास या ,मृत्यु दण्ड,अजीवन कारावास से दण्डित किया जाना है तब ऐसे मामले की सुनवाई करने का अधिकार सिर्फ़ सत्र न्यायालय को होता है। तब सत्र न्यायालय सीआरपीसी की धारा 276 के अनुसार निम्न प्रकार से साक्षियों की परीक्षा लेता है जानिए।

 दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 276 की परिभाषा

1. मजिस्ट्रेट द्वारा जैसे-जैसे साक्षी की परीक्षा होगी वैसे-वैसे उनके ज्ञापन को लिखेगा अगर वह किसी कारणवंश लिखने में असमर्थ है तो इसके लिए वह न्यायालय का वएक अधिकारी नियुक्त कर सकता है।
2. मजिस्ट्रेट साक्ष्य को नहीं लिखता है तब वह किस कारण से नही लिख रहा है इसका कारण स्पष्ट करेगा, एवं लिखेगा।

3. सभी साक्ष्य किसी कहानी के रूप में अभिलिखित होंगे एवं मजिस्ट्रेट स्वविवेकानुसार साक्ष्यों को प्रश्नोत्तर के रूप में भी लिख सकता है।

4. इस धारा के अंतर्गत लिखें गए सभी साक्ष्य पर मजिस्ट्रेट के हस्ताक्षर होंगे एवं वह एक अभिलेख का भाग हो जाएगा।

विशेष नोट:-  सत्र न्यायालय द्वारा मामलों में साक्षी की परीक्षा में जो साक्ष्य दिया जाएगा वहाँ पर आरोपी पक्ष का वकील भी मौजूद रहेगा एवं उस की उपस्थिति में मजिस्ट्रेट साक्ष्यों के रिकॉर्ड तैयार करेगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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