भारत का राष्ट्रपति भारत का प्रथम नागरिक एवं देश का प्रमुख होता है एवं राष्ट्र की एकता, अखंडता एवं सुदृढ़ता का प्रतीक हैं।
भारत में राष्ट्रपति की संवैधानिक स्थिति क्या है:-
भारतीय संविधान में सरकार का स्वरूप संसदीय हैं इसमे राष्ट्रपति केवल कार्यकारी प्रधान होता है। मुख्य शक्तियां प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाले सम्पूर्ण मंत्रिपरिषद (मंत्रिमंडल) के पास होती है। सामान्य शब्दों में कहे तो राष्ट्रपति अपनी शक्ति का प्रयोग प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल की सलाह पर करेगा। आज का हमारा सवाल यह है कि राष्ट्रपति को महाभियोग द्वारा कब हटाया जा सकता है जानिए।
भारतीय संविधान अधिनियम, 1950 के अनुच्छेद 61 की परिभाषा
अगर भारत के राष्ट्रपति पर "भारतीय संविधान के उल्लंघन, करने पर महाभियोग लाया जाता है तब राष्ट्रपति को अपने पद से हटना होगा।
महाभियोग की प्रक्रिया क्या है जानिए:-
संसद के दो सदन लोकसभा एवं राज्यसभा में से किसी भी सदन में प्रारंभ में महाभियोग लाया जा सकता है सदन में एक-चौथाई सदस्यों के हस्ताक्षर होना आवश्यक होने चाहिए एवं दूसरा सदन इन आरोपो को इसे सही पता हैं तब महाभियोग प्रस्ताव को दो-तिहाई बहुमत से पारित करता है प्रस्ताव पारित होने की तिथि से ही राष्ट्रपति को अपने पद से हटना होगा।
राष्ट्रपति महाभियोग में कौन सदस्य भाग लेंगे जानिए:-
दोनों सदनों राज्यसभा एवं लोकसभा के सांसद जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में भाग लिया हो या न लिया हो शामिल होंगे।
नोट:- राज्य विधानसभा या विधानमंडल, विधानपरिषद के कोई भी विधयाक राष्ट्रपति के महाभियोग में भाग नहीं लेगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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