मध्य प्रदेश के शहर जबलपुर को संस्कारधानी भी कहा जाता है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर मानव सभ्यता ने विकास किया। पृथ्वी पर जब सबसे पहले मानव सभ्यता का विकास हुआ तब जबलपुर और आसपास के क्षेत्रों को मनुष्य में रहने के लिए उपयुक्त माना था। यानी जबलपुर अति प्राचीन काल में एक आवासीय क्षेत्र है। इस शहर में कुल 52 तालाब हैं जो 1 वर्ष का प्रतीक हैं। 1 वर्ष में 52 सप्ताह होते हैं।
जबलपुर के ताल तलैया के नाम
अधारताल, रानीताल, चेरीताल, हनुमानताल, फूटाताल, मढाताल, हाथीताल, सूपाताल, देवताल, कोलाताल, बघाताल, ठाकुरताल, गुलौआ ताल, माढोताल, मठाताल, सुआताल, खम्बताल, गोकलपुर तालाब, शाहीतालाब, महानद्दा तालाब, उखरी तालाब, कदम तलैया, भानतलैया, श्रीनाथ की तलैया, तिलकभूमि तलैया, बैनीसिंह की तलैया, तीनतलैया, लोको तलैया, ककरैया तलैया, जूडीतलैया, गंगासागर, संग्रामसागर।
जबलपुर में नर्मदा नदी के घाटों के नाम
भेड़ाघाट, तिलवारा घाट, जिलहरी घाट, ग्वारीघाट, उमा घाट, खारी घाट, लम्हेटा घाट, सिध्दघाट, दरोगा घाट, सरस्वती घाट, झांसीघाट, गौरैयाघाट, घाट पिंडरई, भिटौली घाट (भटौलीघाट), जमतरा घाट, नन्दिकेश्वर घाट।