इंदौर। IIM इंदौर के निदेशक प्रोफेसर हिमांशु राय ने अफ्रीकन महाद्वीप के सबसे ऊंचे पहाड़ माउंट किलिमंजारो पर शुक्रवार को फिर एक बार भारत का परचम लहराया, उन्होंने इसकी सफलता का श्रेय भारत और आईआईएम इंदौर को दिया।
प्रो. राय ने इस पहाड़ की चढ़ाई 9 जुलाई को शुरू की थी। 6 दिन तक चढ़ाई करते हुए 15 जुलाई की सुबह 7.30 बजे आखिरकार चोटी पर पहुंचने में सफलता हासिल की। आखिरी चरण की चढ़ाई 14 जुलाई की रात को 12 बजे शुरू की और शाम 6.30 बजे तक वापस नीचे कैंप पर लौटे। इस यात्रा में राय के साथ उनके दो अन्य साथी एवं सहयोगी भी थे, जिन्होंने उनके साथ इस पहाड़ की चढ़ाई की।
प्रो. राय के मुताबिक कुल 19 हजार से अधिक फीट की ऊंचाई वाले किलिमंजारो पर्वत की चढ़ाई बेहद मुश्किल होती है। पर्वत की चढ़ाई में रात का समय सबसे ज्यादा कठिन माना जाता है, क्योंकि अत्यधिक ठंड और तेज हवा का प्रवाह रहता है। पर्वत के ऊपर चढ़ने के 7 मार्ग हैं, जिन पर अलग-अलग प्रकार की ठहरने की सुविधाएं होती हैं। इस पहाड़ पर चढ़ने के लिए औसत 5-9 दिन का समय लग सकता है।
उन्होंने कहा कि माउंट किलिमंजारो का चयन इसीलिए किया गया, क्योंकि यह विश्व का सबसे ऊंचा ऐसा पर्वत है, जो कि किसी पर्वत शृंखला का हिस्सा नहीं है। अन्य सभी पर्वत किसी न किसी शृंखला का हिस्सा हैं। इससे पहले राय ने रुद्र गैरा पर्वत और काला पत्थर पहाड़ की भी चढ़ाई की है।