भोपाल। भारतीय जनता पार्टी अब इतनी पावरफुल हो गई है कि उसके दिग्गज नेताओं में से सेवा का लालच निकालना असंभव सा लगने लगा है। सागर जिले में दो मंत्री चाहते हैं कि उनका पूरा परिवार जनता की सेवा करें। इसीलिए दोनों के बीच फिक्सिंग हो गई। एक के खाते में जिला पंचायत अध्यक्ष का पद आया और दूसरे के खाते में महापौर। अमित शाह के आदर्श और जेपी नड्डा के निर्देश फिलहाल नजर नहीं आते।
सबसे पहले दोनों मंत्रियों के परिजन अखाड़े में उतरे
किस्सा कुछ यूं है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए कद्दावर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अपने भाई हीरा सिंह को जिला पंचायत का अध्यक्ष बनाने के लिए राहतगढ़ के वार्ड नंबर 4 से फॉर्म भरवाया। दूसरे दमदार मंत्री भूपेंद्र सिंह की भतीजा बहू दिव्या सिंह निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। स्वाभाविक दावेदारी के चलते इस बार उनके भतीजे अशोक सिंह बामोरा ने भी वार्ड 4 से पर्चा दाखिल कर दिया।
फिर दोनों मंत्रियों के बीच फिक्सिंग हो गई
स्थिति तनावपूर्ण बन गई तो दोनों मंत्री एक परिवार की तरह बैठे और तय किया कि दोनों मंत्रियों के परिवार के लोग मिलकर जनता की सेवा करेंगे। एक मंत्री के खाते में जिला पंचायत आई तो दूसरे मंत्री के खाते में नगर निगम। मंत्री गोविंद सिंह के भाई जिला पंचायत अध्यक्ष बनेंगे और मंत्री भूपेंद्र सिंह नगर निगम के माध्यम से जनता की सेवा करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ता अपने दिग्गजों के साथ पार्टी के पदाधिकारी बनकर सागर की सेवा करते रहेंगे।