जबलपुर कलेक्टर झुँझलाए, अब क्या करूं, खुद भोपाल चला जाऊं- MP karmchari news

Bhopal Samachar
जबलपुर
। कर्मचारियों के प्रति सरकार की नीतियों के कारण प्रशासनिक ताने-बाने में कई गठान नजर आने लगी है। शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं को 6 महीने से मानदेय नहीं दिया। कलेक्टर ने भी अपनी तरफ से हर संभव कोशिश कर ली लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। नतीजा क्रिटिकल सिचुएशन में भी कूल बने रहने की ट्रेनिंग लेकर आए जबलपुर कलेक्टर इलैया राजा टी झुँझला उठे।

मानदेय की मांग को लेकर शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कलेक्टर से मुलाकात की इस दौरान कलेक्टर जब उनको समझाने का प्रयास कर रहे थे तो वो मानदेय जल्द से जल्द दिलाने की रट लगाई रहीं। इस पर कलेक्टर ने उनसे कह दिया कि प्रयास तो कर रहा हूं, अब क्या करूं, खुद भोपाल चला जाऊं।

दरअसल शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता पिछले छह माह से अपनी प्रोत्साहन राशि के लिए परेशान हैं। वो सीएमएचओ के समक्ष अनेक मर्तबा अपना दर्द बयां कर चुकी हैं। इसी के चलते आशा कार्यकर्ताओं ने 24 जून को कलेक्टर कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन भी किया था। इन कार्यकर्ताओं से कलेक्टर ने दूरभाष पर चर्चा कर उनके प्रतिनिधिमंडल को मिलने के लिए सोमवार को बुलवाया था।

इसी प्रतिनिधि मंडल में शामिल कार्यकर्ता जब कलेक्टर के समक्ष अपनी बात रख रही थीं तो कलेक्टर ने उनको बताया कि पूरे प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में स्थिति जबलपुर के जैसी ही है। अभी बजट का अभाव है। उनकी ओर से प्रयास किया जा रहा है, जैसे ही बजट आएगा उनके खातों में राशि डाल दी जाएगी। इसके बावजूद आशा कार्यकर्ता कहती रहीं कि उनकी स्थिति बहुत खराब है, कलेक्टर उनकी मदद करें, जिससे चुनाव प्रक्रिया में उलझे कलेक्टर झुंझला उठे और उन्होंने यहां तक कह दिया कि बता दें अब क्या करूं, खुद भोपाल चला जाऊं।

आशा कार्यकर्ताओं के संगठन का नेतृत्व कर रही पूजा कनौजिया को कलेक्टर के इस बर्ताव से बहुत दुःख हुआ। कलेक्टर से मुलाकात के बाद बाहर आते ही उनकी आंखें छलछला उठीं। उनका कहना रहा कि वे कलेक्टर को अभिभावक समझ कर वे उनके पास आई थीं, उनको ऐसे बर्ताव की उम्मीद नहीं रही।

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