क्या आप जानते हैं, यदि आपको कोई बच्चा अकेला दिखाई दिया, अनाथ, गुमशुदा या लावारिस और आपने इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी तो आप को जेल जाना पड़ेगा। किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 भारत के प्रत्येक नागरिक को पाबंद करता है कि वह लावारिस बच्चों की जानकारी सरकार को दें ताकि बच्चों को हादसा अथवा किसी अपराध का शिकार होने से बचाया जा सके। भारत के नागरिकों को जिस प्रकार सूचना का अधिकार प्राप्त है, उसी प्रकार उनकी सूचना की जिम्मेदारी भी निर्धारित है। जिसे नहीं निभाने की स्थिति में दंड का प्रावधान है।
किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 32 की परिभाषा:-
कोई भी व्यक्ति, पुलिस अधिकारी, संगठन, अस्पताल, प्रसूति गृह या कोई भी कार्यकर्ता जिससे किसी बालक का पता चलता है एवं लगता है कि बालक खोया हुआ हैं, माता पिता से बिछड़ा हुआ है, लावारिस (अनाथ) हैं तब ऐसे बालक की सूचना वह तुरंत 24 घंटे के भीतर नजदीक थाने या बाल कल्याण समिति या जिला बाल संरक्षण संस्था को देगा। अगर उपर्युक्त जानकर व्यक्ति बालक की सूचना जानबूझकर कर नहीं देते हैं तब यह अधिनियम की धारा 33 के अंतर्गत अपराध होगा।
दण्ड का प्रावधान:- अगर कोई व्यक्ति लावारिस, अनाथ या गुमशुदा बालक की जानकारी जानबूझकर कर नजदीक थाने, बाल कल्याण समिति या जिला बाल संरक्षण इकाई की नहीं देता है तब ऐसा व्यक्ति छः माह की कारावास या दस हजार रुपये जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता हैं।
कृपया ध्यान दीजिए:-
कुछ सालों पहले तक जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 की धारा 32 के तहत कार्रवाई नहीं हो पाती थी क्योंकि लावारिस बच्चा यदि किसी हादसा या अपराध का शिकार भी हो जाए तो यह पता लगाना मुश्किल होता था कि कितने नागरिकों ने सूचना की जिम्मेदारी नहीं निभाने का अपराध किया है लेकिन अब CCTV कैमरे लगे हुए हैं, जो आप की चुगली कर सकते हैं।
लावारिस बच्चों की सूचना पुलिस को कैसे दें
डायल 100 सबसे आसान तरीका है। आपको सिर्फ 15 मिनट रुकना पड़ेगा। पुलिस आएगी, बच्चे को अपने संरक्षण में लेगी और आपकी जिम्मेदारी खत्म। इसके अलावा आप स्थानीय पुलिस थाने को सूचना कर सकते हैं। उनके आने तक का इंतजार करना होगा। आप यदि पुलिस के पचड़े में नहीं पड़ना चाहते तो बाल कल्याण समिति या जिला बाल संरक्षण संस्था को लावारिस बच्चे की सूचना दे सकते हैं। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665