ग्वालियर। शहर की पोस्ट इंद्रमणि कॉलोनी में प्रोफेसर डॉ. शिशिर दीक्षित के घर पर हुई 10000000 रुपए के गहनों की डकैती के मामले में पुलिस को उनके उस परिचित की तलाश है, जिसने किराए के गुंडों से डकैती की वारदात करवाई है। पुलिस को पूरा विश्वास है कि यह वारदात किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा की गई है जिसे मालूम था कि प्रोफेसर ने बैंक के लॉकर से स्वर्ण आभूषण निकालकर घर में रखे हुए हैं।
प्रोफेसर की पत्नी श्वेता दीक्षित, मां रिटायर प्रोफेसर कलालता देवी (80) और बेटी शिवांगी (12) ने जिस तरह घटना की जानकारी दी है। पुलिस को यकीन हो गया है कि यह कोई आम लूटपाट की वारदात नहीं है। दरअसल प्रोफेसर ने कुछ दिनों पहले ही बैंक के एक लॉकर को बंद कर दिया था। इस लॉकर में उनकी तीन पीढ़ियों के स्वर्ण आभूषण रखे हुए थे। जिनका कुल वजन 3 किलोग्राम था। उन्हें नए लॉकर में शिफ्ट करना था। इसके बीच में ही डकैती हो गई। यानी कि डकैती का मास्टरमाइंड वह व्यक्ति है जिसे पता था कि प्रोफेसर के घर में सोने से भरा हुआ सूटकेस रखा हुआ है।
सीसीटीवी में सभी डकैत रिकॉर्ड में हैं। उनकी बॉडी लैंग्वेज से समझ में आता है कि वह डकैत नहीं है बल्कि छोटे-मोटे गुंडे हैं। डकैती के बाद अपराधी हजीरा की तरफ भागे। इनका कनेक्शन मुरैना से भी हो सकता है। पढ़िए डकैती की घटना का विवरण जो प्रोफेसर की पत्नी श्रीमती श्वेता दीक्षित द्वारा बताया गया।
घर में मैं, मेरी सास रिटायर प्रोफेसर कलालता देवी (80) और बेटी शिवांगी (12) थे। दोपहर में दरवाजे पर नॉक हुआ। मैं नहाने जा रही थी। बेटी ने गेट खोलकर मुझे आवाज दी। दरवाजा खोला तो 6 लोग खड़े थे। बोले- सर यानी मेरे पति ने भेजा है। वो 5 मिनट में आ रहे हैं। मुझे लगा कि एक दिन पहले ही जियो वालों को इंटरनेट कनेक्शन के लिए बुलाया था, वे ही आए होंगे। बाहर वाले कमरे में बैठने को कहा। 4 लोग अंदर आ गए और 2 बाहर ही रुक गए।
मैं अंदर के कमरे की तरफ बढ़ी और प्रोफेसर को कॉल करने लगी तो दो लोग मेरे पीछे दूसरे कमरे तक आ गए। मैंने उनसे पूछा- आप लोग अंदर क्यों आ रहे हो। उन्होंने कट्टे निकाल लिए। एक ने कट्टा मेरे कनपटी पर अड़ाते हुए कहा- हम जो बोलें चुपचाप उतना ही करो। ज्यादा बोली तो यहीं ढेर कर देंगे।
बदमाशों की आवाज सुनकर मेरी सास और बेटी अंदर वाले कमरे से बाहर आ गईं। बेटी ने विरोध की कोशिश की तो बदमाशों ने पहले सास को धक्का देकर गिरा दिया, उन्हें चांटे मारे, फिर बेटी के सिर में कट्टे के बट से मारा। उन लोगों ने मुझे भी बट से मारा, मेरे बाल खींचे और धमकाया- तुमको मारने के ऑर्डर हैं। शुक्र मनाओ कि मार नहीं रहे हैं। हमें सिर्फ लूट करनी है।
इसके बाद उन्होंने अलमारी खंगाल डाली। 60 हजार रुपए और करीब 3 किलो सोने-चांदी के जेवर लूट लिए। पुश्तैनी जेवर करीब 20 लाख के होंगे। बदमाशों ने सास को छोड़कर हम मां-बेटी को कुर्सी पर प्रेस की तार और कपड़े से बांध दिया था। इसके बाद उन्होंने पूछा- वो भरा हुआ ब्रीफकेस कहां है। हमने कहा- कौन सा ब्रीफकेस। हमारे पास ऐसा कोई ब्रीफकेस नहीं है। दोपहर ठीक 3 बजकर 9 मिनट पर बदमाशों के जाने के बाद मैंने पहले पति फिर पुलिस को फोन कर पूरी घटना की जानकारी दी।