मालगाड़ी तो अपन सभी ने देखी है। शायद आपने कभी गौर किया हो मालगाड़ी के डिब्बों पर हवा में एक छोटा पहिया लगाया जाता है। सवाल यह है कि यह पहिया ना तो कभी जमीन को छूता है और ना ही किसी भी स्थिति में पटरी पर किसी दूसरे पहिए की जगह ले सकता है। यह एक स्टेफनी बिल्कुल नहीं होता। फिर क्या कारण है कि इस प्रकार का पहिया माल गाड़ी के हर डिब्बे में लगाया जाता है।
शुरुआती दिनों में ऐसा कोई भी चक्का मालगाड़ी की बोगियों में नहीं होता था। इसके कारण एक बड़ी टेक्निकल प्रॉब्लम आती थी। मालगाड़ी को हमेशा समतल स्थान पर ही पार्क किया जा सकता था। यदि किसी चढ़ाई या ढलान पर मालगाड़ी को रोकना पड़े तो यह खतरनाक होता था क्योंकि सामान से भरे हुए मालगाड़ी के डिब्बों में भारी वजन होता है। इसलिए मालगाड़ी का इंजन चढ़ाई या ढलान की स्थिति में उन्हें एक जगह पर रोकने में सक्षम नहीं था। इसके कारण एक्सीडेंट का खतरा बना रहता था।
इंजीनियर ने इस प्रॉब्लम को सॉल्व किया। मालगाड़ी की हर बोगी में एक चक्का लगा दिया गया। यह गाड़ी का पहिया नहीं होता बल्कि एक लीवर होता है। यह हैंडब्रेक की तरह काम करता है। यदि मालगाड़ी किसी चढ़ाई अथवा ढलान पर रोकना पड़ती है तो इस चक्के को क्लॉक वाइज घुमा दिया जाता है। बोगी के सारे पहिए जाम हो जाते हैं और मालगाड़ी आसानी से अपनी जगह पर खड़ी रहती है।