भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों अतिथि शिक्षकों का रजिस्ट्रेशन एवं सत्यापन का कार्य चल रहा है। शिवपुरी जिले की करैरा तहसील के दिनारा संकुल के अतिथि शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि सत्यापन का कार्य शासकीय संकुल से नहीं बल्कि एक कियोस्क संचालक द्वारा किया जा रहा है और वह प्रति सत्यापन के ₹500 ले रहा है।
अतिथि शिक्षक नरेंद्र यादव ने शिकायत की है कि उससे ₹350 लिए गए। लोकल न्यूज़ पेपर में संकुल प्राचार्य श्री तेज सिंह जाटव का बयान छपा है। उनका कहना है कि दुकानदार प्राइवेट आदमी है। यदि वह किसी से पैसा ले रहा है तो इसके लिए मेरा क्या दोष। ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर करेरा चंद्रभान सोलंकी का बयान छपा है कि कोई भी कियोस्क वाला शासन द्वारा निर्धारित फीस से ज्यादा नहीं ले सकता। यदि ले रहा है तो गलत है। हमारे डिपार्टमेंट का मामला है इसलिए हमें देखना होगा। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि यह सब कुछ एक संयुक्त घोटाला है। पत्रकारों ने सवाल किया इसलिए BEO ने जवाब दे दिया है। संकुल प्राचार्य का यूजर आईडी और पासवर्ड कियोस्क संचालक के पास है।
साइबर सेल से जांच करानी चाहिए
हाई कोर्ट में कर्मचारी मामलों के वकील सत्येंद्र शर्मा का कहना है कि यह विभागीय व्यवस्था और कर्मचारियों से जुड़ा मामला तो है लेकिन उससे ज्यादा साइबर क्राइम है। यदि किसी शासकीय अधिकारी का यूजर आईडी और पासवर्ड किसी प्राइवेट व्यक्ति द्वारा उपयोग किया जा रहा है तो यह एक गंभीर अपराध है। इस मामले की जांच साइबर सेल को करनी चाहिए। कोई मुश्किल काम नहीं है। साइबर सेल मात्र 7 दिन के भीतर खुलासा कर सकती है।
अतः अभ्यर्थियों को इसकी शिकायत पुलिस और साइबर सेल से भी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी कियोस्क संचालक किसी भी सेवा के बदले शासन द्वारा निर्धारित फीस से ज्यादा नहीं ले सकता। यदि वह ऐसा करता है तो उसका कियोस्क तत्काल बंद कर दिया जाएगा। उम्मीदवारों को इसके लिए एसडीएम अथवा कलेक्टर से शिकायत करनी चाहिए।