भोपाल। मध्य प्रदेश के कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए अब नंबर बैंक बनेगा। फर्स्ट ईयर का रिजल्ट घोषित होने के बाद ABC (एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट) में नंबर सेव होंगे। जिसका रिकॉर्ड नेशनल एजुकेशन पॉलिसी(NEP) में मल्टीपल एग्जिट और एंट्री के काम में आएगा।
गौरतलब है की अब मध्यप्रदेश के ऐसे स्टूडेंट्स जो पढ़ाई छोड़ते भी हैं और कोर्स करने की समय सीमा में फिर से पढ़ाई करते हैं, तो इस नंबर बैंक में सेव नंबर उनके काम आएंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय और कॉलेजों को एपिडेमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य किया गया है। फर्स्ट ईयर की परीक्षा होने के बाद जब रिजल्ट घोषित होगा, तब छात्र-छात्राओं के नंबर इसमें सुरक्षित रखे जाएंगे। यूजीसी ने भी सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को एबीसी के संबंध में निर्देश दिए हैं।
उच्च शिक्षा विभाग ने भी काम शुरू कर दिया है। पहली बार एबीसी में छात्रों के क्रेडिट का रिकॉर्ड सेव किया जाएगा। धीरेंद्र शुक्ला,ओएसडी, उच्च शिक्षा के अनुसार इसमें प्राइवेट - सरकारी सभी कॉलेज के छात्र शामिल होंगे। यूनिवर्सिटी खुद को रजिस्टर करेंगी और उसमें छात्र का डाटा सेव किया जाएगा। यह छात्र के लिए भी लाभकारी है।
उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह काम यूनिवर्सिटीज के माध्यम से होगा विभिन्न कॉलेजों के छात्रों का डाटा, संबंधित यूनिवर्सिटी के माध्यम से सेव करना होगा। वहीं छात्रों के क्रेडिट का रिकॉर्ड सेंट्रल एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट(ABC) में रखा जाएगा। इसके लिए यूनिवर्सिटी को एबीसी में रजिस्टर कराना होगा.यूनिवर्सिटी को सत्र 2021- 22 का रिकॉर्ड सेव करना होगा। यह रिकॉर्ड नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में मल्टीपल एंट्री और एग्जिट के काम आएगा।
एबीसी क्या है
एबीसी का अर्थ है एकेडेमिक बैंक ऑफ क्रेडिट जो कि एक वर्चुअल स्टोर हाउस की तरह है.इसमें छात्रों का एकेडमिक रिकॉर्ड सेव रहेगा। इसमें यूनिवर्सिटीज के सभी छात्रों का डाटा स्टोर होगा.एबीसी की अधिकतम शेल्फ् लाइफ 7 साल है। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.