कोट तो सभी पहनते हैं। उसमें एक ऊपर वाली जेब होती है। ज्यादातर लोग कोट के ऊपर वाली जेब में डिजाइनर रुमाल रखते हैं। यह इतना अधिक प्रचलन में आ गया है कि लोगों को लगता है। कोट की ऊपर वाली जेब इसीलिए बनाई जाती है, परंतु यह सही नहीं है। आइए हम बताते हैं कोट की ऊपर वाली जेब किस काम के लिए बनाई जाती है।
सबसे पहले कोट का इतिहास जानते हैं
कोट शब्द की उत्पत्ति पुराने फ्रेंच और फिर लैटिन कॉटस से हुई है। यह ऊनी कपड़ों के लिए प्रोटो-इंडो-यूरोपीय शब्द से निकला है। अंग्रेजी में कोट का प्रारंभिक उपयोग मेल (चेनमेल) का कोट है, धातु के छल्ले का एक अंगरखा जैसा परिधान, आमतौर पर घुटने या कमर के थोड़ी नीचे की लंबाई। शुरुआत में इसकी लंबाई घुटनों तक होती थी।
कोट में ऊपर वाली जेब क्यों बनाई गई
यह जानना बहुत ही रोचक है कि कोट कि ऊपर वाली जेब रुमाल रखने के लिए नहीं बल्कि हॉर्स रेस का टिकट रखने के लिए बनाई गई थी। घुड़दौड़ में रुचि रखने वाले लोग हमेशा कोट पहनते थे। कोट की नीचे वाली जेब में एक छोटी डायरी या कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट रखे जाते थे। छोटा सा टिकट कब गिर जाता था पता ही नहीं चलता था।
पेंट की जेब में टिकट फट जाता था। इसलिए कोट में ऊपर वाली जेब बनाई गई। जहां टिकट सुरक्षित रहता है और ऊपर वाली जेब को काटा भी नहीं जा सकता। यहां रखा हुआ टिकट चुराया नहीं जा सकता। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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