एंबुलेंस या सरकारी वाहनों का रास्ता रोकने वाले को क्या सजा मिलती है, यहां पढ़िए MV Act 1988

Motor Vehicles Act, 1988- blocking the way of ambulances or government vehicles

कई बार कुछ लोग विभिन्न कारणों से एंबुलेंस या सरकारी वाहनों का रास्ता रोक लेते हैं। वाहन चलाते समय फोन पर बात करते हैं। सड़क किनारे सूचनाओं को पढ़ते हुए चलते हैं। यातायात के निर्देशों का पालन नहीं करते। लोगों को पता नहीं होता कि उपरोक्त प्रकार की गलतियों में ट्रैफिक पुलिस चालान नहीं काटते बल्कि पुलिस थाने में FIR दर्ज की जाती है और अपराधी को जेल भेजा जाता है। 

मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा 184 की परिभाषा:- 

जो कोई व्यक्ति जानबूझकर कर किसी भी प्रकार के मोटर वाहन को इस प्रकार चलाएगा-
• अवैध प्रकार से लाल बत्ती को पार करेगा।
• स्टॉप साइन या सिंग्नल का उल्लंघन करेगा।
• गाड़ी चलाते समय फोन बात करेगा या सूचनाओं को पढ़ेगा।
• किसी वैध वाहन के सामने गाड़ी चलाएगा जैसे पुलिस, एम्बुलेंस आदि।
• सड़क निर्देशों, सांकेतिक चिन्हों का पालन नहीं करना, राइट साइट वाहन न चलाना।
• या किसी वाहन को खतरनाक तरीक़े से चलाएगा।
 
ऐसे वाहन चालक के खिलाफ उपर्युक्त धारा-184 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
• प्रथम बार दोष सिद्ध होने पर अधिकतम एक वर्ष की कारावास या अधिकतम पाँच हजार रुपये जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
• द्वितीय बार वही अपराध करने वाले चालक को अधिकतम तीन वर्ष की कारावास या दस हजार रुपए जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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