भोपाल। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नए संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा का असर केवल संगठन ही नहीं बल्कि सत्ता के केंद्र में भी दिखाई दे रहा है। मंत्रालय की चौथी मंजिल पर ब्यूरोक्रेसी की बेफिक्री गायब हो गई है। सत्ता का डिसेंट्रलाइजेशन शुरू हो गया है। आगे क्या होगा पता नहीं लेकिन फिलहाल परिषद के मंत्री गण आनंद में हैं।
वल्लभ भवन में चर्चा है कि पिछले प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत के साथ ज्यादातर पावरफुल अफसरों का अच्छा तालमेल हो गया था। मंत्रियों की हालत यह थी कि वह अपने ही डिपार्टमेंट में मेहमानों की तरह बैठे नजर आते थे। शासन सत्ता पूरी तरह से सेंट्रलाइज थी। बाकी सब कुछ जैसे प्रोटोकॉल पूरा करने के लिए था। मध्य प्रदेश का इतिहास गवाह है, मंत्री अपने डिपार्टमेंट के अफसर को हटा नहीं पाए उल्टा डिपार्टमेंट के अफसर ने अपने मंत्री से डिपार्टमेंट छीन कर किसी दूसरे मंत्री को दिलवा दिया था।
हितानंद शर्मा की नियुक्ति का असर यह हुआ कि मंत्रालय में मंत्रियों को महत्व मिलने लगा। उनके डिपार्टमेंट के अधिकारी उनके निर्देशों का पालन करने लगे। वल्लभ भवन में मंत्रियों का मान सम्मान बढ़ गया है। दरअसल, मंत्रालय के बड़े अफसरों को अंदर की खबर मिली है कि एक चेहरा और एक नाम वाला कार्यक्रम समापन की ओर है। शायद यही कारण है कि वफादारी के नाम पर शहीद होने के बजाए, नौकरशाहों ने नियमों के पालन का प्रदर्शन शुरू कर दिया है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.